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संकट काल में संकल्प व समर्पण: यूएन के कामकाज की वार्षिक रिपोर्ट पेश

यूएन के शीर्षतम अधिकारी एंतोनियो गुटेरेश ने महासभा के 79वें सत्र में जनरल डिबेट से ठीक पहले, संगठन के कामकाज पर अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें वर्तमान चुनौतियों से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा किए जा रहे प्रयासों का लेखाजोखा प्रस्तुत किया गया है.

महासचिव ने यूएन कर्मचारियों की सहनसक्षमता, मायूस व कठिन हालात में आशाओं का संचार करने और ज़रूरतमन्द आबादी तक सहायता पहुँचाने के लिए उनकी प्रतिबद्धता को रेखांकित किया है. 

“मुझे संयुक्त राष्ट्र के कर्मचारियों पर बहुत गर्व है, जो एक खंडित व अक्सर ख़तरनाक दुनिया में अपने दायित्व को निभा रहे हैं.”

“2023 में, ज़मीनी स्तर पर अपने साझेदारों के साथ, हमने 74 देशों में 24.5 करोड़ लोगों के लिए मानवीय सहायता योजनाओं को समन्वित किया और तात्कालिक आवश्यकता वाले क़रीब 16 करोड़ लोगों तक जीवनरक्षक सहायता व संरक्षण पहुँचाया.”

रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र ने विश्व भर से दानदाताओं से प्राप्त 22.7 अरब डॉलर की धनराशि की लामबन्दी की. अफ़ग़ानिस्तान, सूडान, यमन, क़ाबिज़ फ़लस्तीनी इलाक़े के लिए जीवनरक्षक कार्यक्रम संचालित किए गए.

वहीं, प्राकृतिक आपदाओं से पीड़ित सीरिया, तुर्कीये, लीबिया, मलावी व मोज़ाम्बीक़ के लिए भी मदद मुहैया कराई गई.

मगर, इन सहायता अभियानों की एक बड़ी मानवीय क़ीमत चुकानी पड़ी है. 2023 में सर्वाधिक संख्या में संयुक्त राष्ट्र कर्मचारी व मानवीय सहायताकर्मी मारे गए.

इनमें से अधिकाँश, ग़ाज़ा पट्टी में फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन एजेंसी (UNRWA) के कर्मचारी थे. यूएन प्रमुख ने उनके त्याग व समर्पण का सम्मान करते हुए भरोसा दिलाया कि उनका संगठन सदैव, विश्व में सर्वाधिक निर्बलों के साथ एकजुट है.

शान्ति व सुरक्षा, यूएन मिशन की बुनियाद

कूटनीति, संगठन के कामकाज के मूल में है, एक ऐसे समय में जब दुनिया भर में वैश्विक शान्ति व सुरक्षा के लिए चुनौतियाँ बढ़ रही हैं.

इसके मद्देनज़र, यूएन महासचिव ने ‘शान्ति के लिए नया एजेंडा’ पेश किया है, जिसमें एक बेहतर साझा भविष्य के लिए, आपस में गुंथे हुए ख़तरों से निपटने पर बल दिया गया है.

रिपोर्ट बताती है कि पिछले 34 वर्षों में पहली बार, महासचिव ने यूएन चार्टर के अनुच्छेद 99 का सहारा लिया. इसके ज़रिये ग़ाज़ा व इसराइल में हालात पर सुरक्षा परिषद का ध्यान आकृष्ट किया गया और तत्काल मानवीय आधार पर युद्धविराम लागू करने और सभी बन्धकों की बिना शर्त रिहाई की मांग की गई.

संयुक्त राष्ट्र ने शान्ति वार्ताओं को प्रोत्साहन देने के लिए अपने प्रयास जारी रखे. इस क्रम में, सूडान समेत अन्य देशों में राजसत्ता को स्थापित करने और आम नागरिकों की रक्षा करने के लिए समर्थन दिया गया.

वहीं, माली में बिगड़ते सुरक्षा हालात के बीच यूएन शान्तिरक्षा मिशन (MINUSMA) को बन्द कर दिया गया, जिससे 13 हज़ार से अधिक कर्मचारियों की वापसी हुई.

शान्तिनिर्माण कोष के ज़रिये 36 देशों में राष्ट्रीय शान्ति योजनाओं को समर्थन देने के लिए 20 करोड़ डॉलर की धनराशि आवंटित की गई, जिसमें लैंगिक समानता का विशेष रूप से ध्यान रखा गया है.

हिंसक टकराव व चरमपंथ के विरुद्ध लड़ाई में अफ़्रीकी संघ समेत अन्य क्षेत्रीय संगठनों के साथ साझेदारी को और मज़बूती प्रदान की गई है.

वैश्विक लक्ष्यों के लिए पुकार

2023 में, टिकाऊ विकास लक्ष्यों पर हुई शिखर बैठक में छह हज़ार से अधिक प्रतिभागियों ने शिरकत की और बेहतर दुनिया को आकार देने पर लक्षित 2030 एजेंडा के लिए नए सिरे से संकल्प लिया गया.

टिकाऊ विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए 2030 तक की समयसीमा तय की गई है, मगर फ़िलहाल 15 प्रतिशत लक्ष्य ही पूरे होने के मार्ग पर हैं.

अनेक विकासशील देशों को, टिकाऊ विकास प्रयासों के लिए धनराशि का प्रबन्ध करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.

2023 के दौरान, ‘जल कार्रवाई एजेंडा’ और प्लास्टिक प्रदूषण पर एक अहम समझौता बड़ी उपलब्धि के रूप में देखे गए. जलवायु कार्रवाई के लिए संयुक्त राष्ट्र ने अपनी पैरवी जारी रखी और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता घटाने, जलवायु परिवर्तन से होने वाली हानि व क्षति के लिए स्थापित कोष को संचालित करने और 2030 तक वनों की कटाई पर रोक लगाने की पुकार लगाई गई. 

अर्थ आवर मुहिम के लिए यूएन मुख्यालय की बत्तियाँ बुझाई गईं.

अर्थ आवर मुहिम के लिए यूएन मुख्यालय की बत्तियाँ बुझाई गईं.

मानवाधिकार व बहुपक्षवाद

संयुक्त राष्ट्र के एजेंडा में मानवाधिकार प्रमुखता से छाए रहे. 2023 में, यूएन ने महिलाओं के विरुद्ध हिंसा का उन्मूलन करने, ग्रामीण महिलाओं का सशक्तिकरण करने और संवैधानिक प्रक्रियाओं में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने के प्रयास किए गए. 

महासचिव गुटेरेश ने बहुपक्षवाद आधारित सिद्धान्तों के क्षरण पर भी चिन्ता जताई, और कहा कि कुछ पक्षों द्वारा दंडमुक्ति की भावना के साथ, आम नागरिकों, अस्पतालों, मानवीय सहायता क़ाफ़िलों व स्कूलों को निशाना बनाया जा रहा है.

‘भविष्य की शिखर बैठक’ की तैयारियों के सिलसिले में, यूएन ने शान्ति, सुरक्षा व कृत्रिम बुद्धिमता की संचालन व्यवस्था के लिए नीतिपत्रों को प्रस्तुत किया, जिसका उद्देश्य, यूएन चार्टर के मूल्यों को मज़बूती देना और ग़लत व भ्रामक सूचनाओं सहित अन्य चुनौतियों पर पार पाना था.

समर्पित स्टाफ़

यूएन प्रमुख ने कहा कि हर क़दम पर, संगठन और कर्मचारियों ने मुश्किलों से घिरी दुनिया में आम नागरिकों के साथ एकजुटता का परिचय दिया.

एक अधिक शान्तिपूर्ण, स्वस्थ, समानतापूर्ण व समृद्ध भविष्य को साकार करने के लिए एक साथ मिलकर प्रयास किए जा रहे हैं, एक ऐसी दुनिया में जिसमें किसी को भी पीछे ना छूटने दिया जाए.

यूएन प्रमुख ने कहा कि विश्व आबादी के लिए ये नतीजे हासिल करने, हर व्यक्ति तक आशा व मदद का संचार करने के लिए यूएन कर्मचारी संकल्पित है. और इसी की, मानव परिवार को पहले से कहीं अधिक आवश्यकता है.

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