विश्व

शरणार्थियों और विस्थापितों के लिए साहसिक प्रतिज्ञाएँ व समाधान

यूएन महासचिव ने जिनीवा में शुक्रवार को, वैश्विक शरणार्थी मंच के समापन सत्र को सम्बोधन में कहा कि इन सबसे कमज़ोर लोगों के लिए सुरक्षा और सहायता मुहैया कराना, “पूरी मानवता का साझा दायित्व” है.

इस मंच के तीन दिन के आयोजन के दौरान, समाधान खोजने और साझेदारी बनाने के लिए गहन गतिविधियाँ हुईं.

इसमें अनेक हितधारकों ने प्रतिज्ञा ली जिसमें दुनिया भर में विस्थापित लाखों लोगों के लिए रौशनी का एक चमकता बादल उत्पन्न बनने की सम्भावना नज़र आती है.

एंतोनियो गुटेरश ने ज़ोर दिया कि शरणार्थियों की सहायता के लिए संसाधनों पर “भारी दबाव” है, विशेष रूप से वैश्विक दक्षिण क्षेत्र के देशों में, जहाँ, अनुपात से कहीं अधिक स्तर का बोझ है.

उन्होंने कहा कि यह “तीव्र राजनैतिक मतभेदों, टकरावों और जलवायु आपदा” का वर्ष रहा है, जिसने रिकॉर्ड संख्या में लोगों को पलायन के लिए मजबूर किया है.

उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा, “साहेल से अफ़ग़ानिस्तान, सीरिया और यमन तक – डीआरसी, म्याँमार और सोमालिया तक – ग़ाज़ा में हम जो भारी तबाही देख रहे हैं, इन मानवीय त्रासदियों” ने वर्ष 2023 के दौरान 11 करोड़ 40 लाख लोगों कों विस्थापन के लिए विवश किया है. इनमें से 3 करोड़ 60 लाख जन शरणार्थी हैं.

उम्मीदें और सपने

यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने यह नहीं भूलने के लिए कहा कि ये आँकड़े, जायज़ उम्मीदों और सपनों वाले वास्तविक लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं: जिनमें कौशल और विचारों वाले महिलाएँ व पुरुष, योजनाओं और महत्वाकांक्षाओं वाले बच्चे शामिल हैं.

उन्होंने रेखांकित किया कि ये वो लोग हैं जिन्हें भी सुरक्षा, भोजन, पानी, आश्रय और सम्मान के समान अधिकार हैं.

और चूँकि शरणार्थी भी बेहतर भविष्य के लिए हर अवसर के हक़दार हैं, इसलिए सुरक्षा और समर्थ,न कोई लॉटरी या असंगत बोझ नहीं होना चाहिए, जो भूगोल के आधार पर केवल कुछ देशों और समुदायों पर पड़ता है.

उन्होंने अपनी टिप्पणी में कहा, “यह पूरी मानवता का एक साझा दायित्व है.”

एंतोनियो गुटेरेश ने हितधारकों द्वारा की गई प्रतिबद्धताओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि ये संकल्प ‘शरणार्थियों पर ग्लोबल कॉम्पैक्ट के महान वादों में जान फूँकते हैं, न केवल शरणार्थियों को सहारा देने के लिए, बल्कि मेज़बान देशों पर दबाव कम करने और उन प्रणालीगत मुद्दों से निपटने के लिए, जिनके कारण, लोगों को आरम्भिक पलायन करना पड़ता है.’

वैश्विक शरणार्थी मंच, शुक्रवार 15 दिसम्बर 2023 को, जिनीवा में सम्पन्न हुआ.

साझा भलाई के लिए प्रतिज्ञाएँ

वैश्विक शरणार्थी मंच में की गई प्रमुख प्रतिज्ञाओं में, शरणार्थियों के पुनर्वास और उन्हें सामुदायिक सहारा दिए जाने के बारे में संकल्प शामिल थे.

देश वर्ष 2030 तक, 10 लाख शरणार्थियों का पुनर्वास किए जाने पर सहमत हुए, जिसे एक नए वैश्विक प्रायोजन कोष से समर्थन मिलेगा. इस कोष का लक्ष्य, तीसरे देशों तक पहुँचने में, नवीन सामुदायिक प्रायोजन योजनाओं के माध्यम से, अतिरिक्त 30 लाख शरणार्थियों की सहायता करना है.

शरणार्थियों की भागेदारी पर मुख्य ध्यान रहा, जिसमें  100 से अधिक संगठनों ने, शरणार्थियों को गवर्निंग बोर्ड में शामिल किए जाने और उनके जीवन पर सीधे प्रभाव डालने वाले निर्णयों में, उन्हें शामिल करके, उनके सार्थक जुड़ाव को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्धताएँ व्यक्त कीं.

इस क़दम को, विस्थापित लोगों के मूल्यवान दृष्टिकोण और योगदान को पहचानने और उनका लाभ उठाने की दिशा में, एक महत्वपूर्ण बढ़त के रूप में देखा जा रहा है.

ऑनलाइन सुरक्षा

Google और मेटा सहित अग्रणी तकनीकी कम्पनियों ने भी, ‘डिजिटल सुरक्षा प्रतिज्ञा’ तैयार करने में शामिल हुईं. 

इस प्रतिबद्धता में, विस्थापित और देशविहीन लोगों के समुदायों को निशाना बनाने वाली ग़लत सूचना और घृणास्पद भाषा के प्रसार को समझने, उसका मुक़ाबला करने और उसकी रोकथाम के लिए, अधिक संसाधन समर्पित करना शामिल है.

इस सहभागिता का उद्देश्य मानवीय सहायता कार्रवाइयों को बढ़ावा देना और प्रभावित लोगों की सुरक्षा व भलाई सुनिश्चित करना है.

शरणार्थियों के ‘साहस और सहनशीलता’ के साथ मिलान

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने इस फ़ोरम के काम की सराहना करते हुए कहा, “आप सभी, इस फ़ोरम में शरणार्थियों की ज़रूरतों के बारे में एकजुट होकर, एक अन्धकारमय और व्यथित करने वाले वर्ष में, रौशनी का एक उज्ज्वल बादल मुहैया करा रहे हैं.” 

उन्होंने फ़ोरम में आए प्रतिभागियों को, ‘प्रत्येक शरणार्थी के साहस और सहनक्षमता को ध्यान में रखते हुए, सुरक्षा और गरिमा के साथ उनके जीवन के पुनर्निर्माण में मदद करने की हमारी अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता के साथ मेल बिठाने’ का काम जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया.

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