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वोल्कर टर्क ने ग़ाज़ा आक्रमण मुद्दे पर, ‘रक्त अपमान’ के आरोप का किया खंडन

यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने, बुधवार को इसराइली अखबार हारेत्ज़ में प्रकाशित एक लेख में, ‘हमास और अन्य सशस्त्र समूहों द्वारा, 7 अक्टूबर 2023 को ग़ाज़ा से, इसराइल के दक्षिणी हिस्से में किए गए हमले की चौंकाने वाली क्रूरता’ की एक बार फिर कड़ी निन्दा की.

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख ने लिखा है कि इसके बाद हुए जनसंहारों ने, पूरे इसराइल में “तीव्र और निरन्तर आघात” पैदा किया”.

उन्होंने ज़ोर देकर यह भी कहा है कि इसराइल का “भारी बल प्रयोग का अभियान अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के गम्भीर उल्लंघनों से कलंकित” हुआ है.

उन्होंने यह भी ध्यान दिलाया कि ग़ाज़ा से इसराइल में अब भी रॉकेट हमले जारी हैं.

वोल्कर टर्क ने साथ ही इस पर खेद भी व्यक्त किया कि कुछ इसराइली अधिकारियों ने यह दावा करके उनके कार्यालय की चिन्ताओं को बदनाम करने की कोशिश की थी कि वो चिन्ताएँ “रक्त अपमान” का रूप हैं.

यूएन मानवाधिकार प्रमुख ने ज़ोर देकर कहा, “7 अक्टूबर के बाद से पश्चिमी तट में सैकड़ों फ़लस्तीनियों की हत्या करने वाले इसराइली सैनिकों और सशस्त्र यहूदी बाशिंदों को ज़िम्मेदार ठहराने में विफलता को, या युद्ध को लम्बा खींचे जाने की निन्दा करना रक्त अपनान नहीं है, जबकि इस युद्ध के तरीक़े ने गम्भीर अन्तरराष्ट्रीय मानवतावादी और मानवाधिकारों के उल्लंघन की चिन्ताओं को जन्म दिया है.

न्यूयॉर्क में कूटनीति जारी

इस बीच न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के राजनयिक, इसराइल-फ़लस्तीन संकट पर अधिक आम सहमति की तलाश जारी रखे हुए हैं.

राजदूतों ने गुरूवार रात सुरक्षा परिषद में एक प्रस्ताव पारित किया, जिसका उद्देश्य ग़ाज़ा युद्ध से होने वाले प्रभाव को व्यापक क्षेत्र में फैलने से रोकना है.

राजदूतों ने मांग की है कि यमन के लाल सागर तट पर हूथी विद्रोही, अन्तरराष्ट्रीय शिपिंग पर अपने हमले बन्द करें. जबकि हूथी विद्रोहियों का कहना है कि वे फ़िलस्तीनियों और हमास चरमपंथियों के समर्थन में ये हमले कर रहे हैं.

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