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वडोदरा नाव हादसा मामले में बड़ी कार्रवाई, झील का रख-रखाव करने वाली कंपनी के तीन साझेदार समेत 6 लोग अरेस्ट

वडोदरा नौका हादसा- India TV Hindi

Image Source : PTI
वडोदरा नौका हादसा

वडोदरा: गुजरात में वडोदरा के निकट हुई नौका दुर्घटना के संबंध में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वडोदरा शहर के बाहरी इलाके में स्थित हरनी झील में बृहस्पतिवार को हुए इस हादसे में 16 लोगों की मौत हई थी। इनमें 14 छात्र और दो शिक्षकों शामिल थे। जबकि 18 छात्रों और दो शिक्षकों को बचा लिया गया था। ये छात्र पिकनिक मनाने के लिए आये थे। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों में कोटिया प्रोजेक्ट्स के तीन साझेदार शामिल हैं। कोटिया प्रोजेक्ट्स को वडोदरा नगर निगम द्वारा हरनी झील क्षेत्र के रख-रखाव का ठेका दिया गया था।

सभी पर गैर इरादतन हत्या का आरोप 

वडोदरा के पुलिस आयुक्त अनुपम सिंह गहलोत ने कहा कि गिरफ्तार किए गए अन्य लोगों में कोटिया प्रोजेक्ट्स कंपनी के एक प्रबंधक और दो नौका संचालक शामिल हैं और सभी पर गैर इरादतन हत्या का आरोप लगाया गया है। पुलिस ने बृहस्पतिवार को 18 लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) और 308 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास) के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी।

आरोपियों की हुई पहचान

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान कोटिया प्रोजेक्ट्स के साझेदार भीमसिंह यादव, वेदप्रकाश यादव और रश्मिकांत प्रजापति, कंपनी के प्रबंधक शांतिलाल सोलंकी और नाव संचालक नयन गोहिल और अंकित वसावा के रूप में की गई है। गहलोत ने कहा, ‘‘हमने घटना के संबंध में और अन्य दोषियों को पकड़ने के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

एसआईटी कर रही है जांच

अधिकारी ने कहा कि सात सदस्यीय एसआईटी का नेतृत्व अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध और यातायात) मनोज निनामा करेंगे, जबकि अन्य सदस्यों में पुलिस उपायुक्त पन्ना मोमाया, डीसीपी युवराजसिंह जाडेजा और एसीपी एचए राठौड़ शामिल हैं। घटना के बाद, वडोदरा नगर निगम ने झील क्षेत्र को सील कर दिया और अनधिकृत व्यक्तियों के साथ-साथ अनुबंधित कंपनी से जुड़े लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया।

2017 में दिया गया था ठेका

प्राथमिकी के अनुसार, कोटिया प्रोजेक्ट्स को 2017 में वडोदरा नगर निगम (वीएमसी) द्वारा मनोरंजन केंद्र, हरनी लेक जोन के संचालन और रखरखाव का ठेका दिया गया था। वीएमसी के इंजीनियर राजेश चौहान ने अपनी शिकायत में कहा कि कंपनी, उसके मालिकों, प्रबंधकों और नाव संचालकों ने कई मामलों में आपराधिक लापरवाही बरती है, चाहे वह नावों का रखरखाव न करना हो या पर्याप्त संख्या में जीवन रक्षक उपकरण न रखना हो। शिकायत के अनुसार, यह भी पता चला कि केवल कुछ छात्रों को जीवन रक्षक जैकेट उपलब्ध करायी गयी थीं और उन्हें कोई निर्देश नहीं दिये गये थे।

क्षमता से ज्यादा लोग नाव में बैठे थे

प्राथमिकी में कहा गया है कि क्षमता से अधिक सामान होने के कारण नाव पहले हिलने लगी और फिर पलट गई। इससे पहले, गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी ने पत्रकारों को बताया था कि नौका पर केवल 10 छात्र ही ‘लाइफ’ जैकेट पहने हुए थे ‘‘जो साबित करता है कि इसमें आयोजकों की गलती थी।’’ गुजरात के शिक्षा मंत्री कुबेर डिंडोर ने भी कहा था कि नाव पर निर्धारित संख्या से अधिक लोग सवार थे। डिंडोर ने कहा, ‘‘मुझे यह भी पता चला है कि दुर्घटना के समय छात्रों ने ‘लाइफ’ जैकेट नहीं पहन रखी थी। हम (इन गलतियों के लिए) दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।

(इनपुट-भाषा)

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