लोकसभा चुनावों के बाद नई सरकार शुरुआती 100 दिनों में कुछ अतिरिक्त सर्वे पर काम शुरू करेगी। ये सर्वे नेशनल स्टैटिस्टिकल ऑफिस (NSO) के अतिरिक्त सर्वे होंगे। इस बारे में एक हाई-लेवल स्टीयरिंग कमेटी की बैठक अगले हफ्ते होने वाली है। सरकार के एक सीनियर अफसर ने यह जानकारी दी। उन्होंने मनीकंट्रोल को बताया कि कई मंत्रालयों ने अतिरिक्त सर्वे की मांग की है। इनमें एग्रीकल्चर, कॉमर्स, लेबर, टूरिज्म और हेल्थ शामिल हैं। एनएसओ की स्टीयरिंग कमेटी अतिरिक्त सर्वे के मसले पर फैसला लेगी।
स्टीयरिंग कमेटी की अध्यक्षता चीफ स्टैटिस्टियन ऑफ इंडिया और मिनिस्ट्री ऑफ स्टैटिस्टिक्स एंड प्रोग्राम इंप्लिमेंटेशन (MOSPI) के सेक्रेटरी करते हैं। अतिरिक्त सर्वे का काम लोकसभा चुनावों के बाद जुलाई 2024 से शुरू होगा। इसके तहत अलग-अलग राज्यों में पर्यटन, सीनियर सिटीजंस और दूसरे उम्र वर्ग में बीमारियों और इंडस्ट्रियल इनपुट्स से जुड़े सर्वे किए जाएंगे। अतिरिक्त सर्वे का खर्च संबंधित मंत्रालय उठाएंगे, जिन्होंने सर्वे की मांग की थी।
स्टीयरिंग कमेटी यह भी फैसला लेगी कि अतिरिक्त सर्वे NSSO की तरफ से किया जाएगा या इसे आउटसोर्स किया जाएगा। अधिकारी ने बताया, “एनएसओ के पास कुछ अतिरिक्त सर्वे करने की क्षमता है। जरूरत पड़ने पर वह इन्हें बाहर से भी करा सकता है। अभी एनएसई कुछ काम कॉन्ट्रैक्ट्स के जरिए करा रहा है, क्योंकि जूनियर स्टैस्टिकल अफसर के कई पद खाली पड़े हैं।”
NSO इकोनॉमी से जुड़ी कई अहम डेटा जारी करता है और उनका विश्लेषण करता है। इनमें जीडीपी, IIP और कंज्यूमर इनफ्लेशन के डेटा शामिल हैं। इन आकड़ों का देश की पॉलिसी बनाने के लिहाज से काफी महत्व है। एनएसओ MOSPI का स्टैटिस्टिकल विंग है। एनएसओ कुछ और सर्वे भी करता है, जिनका इकोनॉमी के लिए काफी महत्व है। इनमें अनइनकॉर्पोरेटेड सेक्टर एंटरप्राइजेज (ASUSE) का एनुअल सर्वे, पीरियोडिक लेबर फोर्स जैसे सर्वे शामिल हैं।