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लेबनान: हिंसा व तबाही भरे हालात में जान बचाकर भागने के लिए मजबूर आम नागरिक

लेबनान: हिंसा व तबाही भरे हालात में जान बचाकर भागने के लिए मजबूर आम नागरिक

लेबनान की राजधानी बेरूत में यूएन मानवीय सहायताकर्मियों ने बताया कि बीती रात फिर से इसराइल द्वारा हवाई हमलों के बीच, ज़रूरतमन्दों की मदद करने के प्रयास किए जा रहे हैं.

लेबनान में संयुक्त राष्ट्र मानवतावादी समन्वयक इमरान रिज़ा ने बताया कि मानवीय राहतकर्मियों के परिवार भी विस्थापित हुए हैं और वे आश्रय की तलाश में हैं.

लेबनान के लिए विशेष समन्वयक जिनीन हेनिस ने कहा कि बेरूत में आम नागरिकों ने फिर से बिना नीन्द के रात गुज़ारी. शहर को दहला देने वाले धमाकों को गिनते हुए. बिना चेतावनी देने वाले सायरन के. बिना यह जाने की अब क्या होगा. केवल अनिश्चितता पसरी हुई है. हर जगह भय और अधीरता है.

लेबनान में हिंसक टकराव के कारण क़रीब 10 लाख लोग विस्थापित हुए हैं और वे सुरक्षा की तलाश में हैं. संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) का कहना है कि इन हमलों का आम नागरिकों पर गहरा असर हुआ है और अब भी हज़ारों लोग विस्थापित हो रहे हैं.

यूएन एजेंसी के अनुसार, लेबनान में टकराव का दंश झेल रहे लोगों को तुरन्त अन्तरराष्ट्रीय समुदाय के समर्थन की आवश्यकता है. भोजन, स्वच्छता सामग्री, मेडिकल देखभाल समेत अन्य सहायता आपूर्ति का प्रबन्ध किया जाना होगा.

यूएन एजेंसी का कहना है कि आम नागरिकों में गहरी बेचैनी है और उन्हें सदमा पहुँचा है और यह एक बड़ी चुनौती है.

बयाँ ना किए जा सकने वाले हालात

UNHCR अधिकारी इवो फ़्राइजसेन ने स्थानीय लोगों से बातचीत के आधार पर बताया कि वे यह स्वीकार करने लगे हैं कि उनकी मौत किसी भी समय हो सकती है और वे जिस दबाव का सामना कर रहे हैं, उसे बयाँ नहीं किया जा सकता है.

दक्षिणी लेबनान में स्थानीय समुदायों को बढ़ते हिंसक टकराव के कारण अपने घर छोड़कर भागना पड़ा है. इनमें ज़ेनाब और फ़ातिमा भी हैं. जब बमबारी शुरू हुई तो वे अपने घर पर स्कूल जाने के लिए तैयार हो रही थी. उस समय उन्हें लगा कि उनका घर ही ध्वस्त होने वाला है.

14 वर्षीय ज़ेनाब ने संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) को बताया कि हमारी माँ ने हमें जल्दी से अपना सामान जुटाने के लिए कहा और हम वहाँ से बहुत जल्दबाज़ी में निकले. एक भयावह सफ़र के बाद वे बेरूत पहुँचे, मगर वहाँ भी हर ओर बमबारी व धमाके सुनाई दे रही थी.

लेबनान में हिंसा के कारण प्रभावित हुए बच्चों तक सहायता पहुँचाने के लिए, संयुक्त राष्ट्र बाल कोष उन तक जल, स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा व मनोसामाजिक सेवाएँ पहुँचाने में जुटी है.

विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने नए सिरे से विस्थापित हुए क़रीब एक लाख 30 हज़ार लोगों के लिए गर्म भोजन, खाद्य पैकेट, सैंडविच व आपात नक़दी सहायता का प्रबन्ध किया.

यूएन एजेंसी के अनुसार लेबनान में बिगड़ते माहौल में खाद्य आवश्यकताओं में उछाल आया है, और सभी पक्षों को मानवीय सहायता मार्ग की पहुँच को बरक़रार रखना होगा.

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