लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, रविवार से पूरे देश में इसराइल के हमलों में 105 लोग मारे गए हैं.
बीते सप्ताहान्त के दौरान भी इसराइली बमबारी जारी रही जिसमें मारे गए लोगों में 6 वर्षीय एक बच्ची सेलेना अल समराह भी है, जिसकी मौत, शनिवार को दक्षिणी शहर तायर में उनके घर में हो गई. सेलेना की बहन 10 वर्षीय सेलीन जीवित बची है मगर गम्भीर रूप से घायल है.
ये दोनों बहनें, एक ग़ैर-सरकारी संगठन द्वारा चलाई जाने वाली कला कार्यशाला में नियमित रूप से शिरकत करती थीं.
यूएन न्यूज़ को दिखाई गई एक तस्वीर में सेलेना, हमले से एक दिन पहले अपनी बनाई हुई एक कलाकृति दिखाते हुए खड़ी नज़र आती हैं. एक वीडियो में उसकी बहन ये भी बताती हैं कि ये कला कार्यशाला किस तरह से उसे प्रसन्न बनाती है और दोस्तों के साथ मिलाती है.
इस ग़ैर-सरकारी संगठन के अध्यक्ष अभिनेता-निदेशक कासेम इस्तान्बूली कहते हैं, “हम इन बच्चों और नवयुवकजन के लिए, इस युद्ध के दौरान काम करना जारी रखेंगे, जब तक हम कर सकते हैं.”
इस संगठन का उद्देश्य पूरे लेबनान में हाशिए पर रहने वाले समुदायों में कला शिक्षा का विस्तार करना और विभाजित समुदायों के दरम्यान सामजिक सम्बन्ध बनाना है.
कासेम इस्तान्बूली को वर्ष 2023 में अरब संस्कृति के लिए यूनेस्को के शारजाह पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
वर्ष 2021 में यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने, वर्ष 2006 में इसराइल और हिज़बुल्लाह के बीच युद्ध के दौरान बन्द हुए थियेटरों को फिर से आरम्भ करने और सकारात्मक बदलाव के लिए युवजन को सक्रिय बनाने के कासेम इस्तान्बूली के प्रयासों को मान्यता दी थी.
सीरिया के लिए पलायन
इस बीच, यूएन शरणार्थी एजेंसी – UNHCR ने बताया है कि विस्थापितों में से लगभग एक लाख लोग, पड़ोसी देश सीरिया की तरफ़ गए हैं.
यूएन शरणार्थी एजेंसी के मुखिया फ़िलिपो ग्रैंड ने एक सोशल मीडिया सन्देश में कहा है कि सीरिया की तरफ़ यह पलायन जारी है.
उन्होंने बताया है कि एजेंसी की टीमें सीरिया के भीतर चार सीमा चौकियों पर, वहाँ पहुँच रहे शरणार्थियों की मदद करने के लिए मुस्तैद हैं.
भारी संख्या में लोगों का विस्थापन, इसराइल और लेबनान स्थित सशस्त्र गुट हिज़बुल्लाह के बीच हाल के समय में युद्ध में आई तेज़ी के मद्देनज़र हो रहा है. हिज़बुल्ला के लम्बे समय से नेता रहे हसन नसरल्लाह, शुक्रवार को एक इसराइली हमले में मारे गए हैं.
सोमवार को हमास ने बताया है कि लेबनान में उसके नेता फ़तह शरीफ़ अल-अमीन, फ़लस्तीनियों के एक शरणार्थी शिविर हुए एक इसराइली हमले में मारे गए हैं. इस हमले में उनके परिवार की भी मृत्यु हो गई.
यूएन शरणार्थी एजेंसी – UNHCR और फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन मानवीय सहायता एजेंसी – UNRWA सहित अन्य एजेंसियाँ, मानवीय राहत उपलब्ध करा रही हैं.
UNRWA ने लगभग 9 आश्रय स्थल बनाए हैं, जिनमें 3 हज़ार 350 लोगों को ठहराया गया है.
संयुक्त राष्ट्र की आपदा राहत समन्वय एजेंसी – OCHA ने कहा है कि जो लेबनान से जो क़रीब 10 लाख लोग विस्थापित हुए हैं, उनमें से लगभग 90 प्रतिशत लोगों को बीत सप्ताह ही अपने घर छोड़ने पड़े हैं.
OCHA ने एक सोशल मीडिया सन्देश में कहा है, “यह विस्थापन अब वर्ष 2006 के स्तर से भी अधिक हो गया है, जो इसराइल के भीषण हमलों और आबादी को बेदख़ली आदेश जारी किए जाने से उत्पन्न हुआ है.”