इसराइल द्वारा लेबनान पर आक्रमण किए जाने के बाद, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने UNIFIL को मार्च 1978 में स्थापित किया था. UNIFIL का दायित्व लेबनान से इसराइली सैनिकों की वापसी की पुष्टि करना, अन्तरराष्ट्रीय शान्ति व सुरक्षा को बहाल करना और लेबनान सरकार को अपने क्षेत्र में राजसत्ता स्थापित करने में मदद करना था.
लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अन्तरिम बल (UNIFIL) के ध्वज तले, यूएन शान्तिरक्षक ‘ब्लू लाइन’ पर तैनात हैं, जोकि लेबनान और इसराइल को अलग करने वाली एक सीमारेखा है.
सुरक्षा परिषद ने हाल ही में इस यूएन मिशन की अवधि में, एक वर्ष का विस्तार किया है. हमने UNIFIL मिशन और इसराइली सैन्य बलों व हिज़बुल्लाह के बीच हिंसक टकराव में उसकी भूमिका पर आपके लिए सामग्री जुटाई है.
सुरक्षा परिषद का शासनादेश (mandate)
मगर, वर्ष 2000 तक इसराइली सैनिकों ने लेबनान से वापसी नहीं की. किसी एक सीमा पर आपसी सहमति ना होने की वजह से, संयुक्त राष्ट्र ने 120 किलोमीटर लम्बी ‘ब्लू लाइन’ की व्यवस्था की, जिसके आधार पर वापसी को माना गया.
यूएन मिशन के तहत शान्तिरक्षक इसी इलाक़े की निगरानी करते हैं और नियमित रूप से ग़श्त लगाते हैं.
इसराइल और हिज़बुल्लाह के बीच 2006 में एक महीने के लिए भीषण हिंसक टकराव हुआ, जिसके बादसुरक्षा परिषद ने एक नया प्रस्ताव पारित करके UNIFIL मिशन को अतिरिक्त दायित्व सौंपे.
प्रस्ताव 1701 के ज़रिये, यूएन मिशन के मूल शासनादेश में विस्तार किया गया, और उसे शत्रुता पर विराम की निगरानी के लिए भी ज़िम्मेदारी दी गई.
साथ ही, यूएन शान्तिरक्षकों को दक्षिणी लेबनान में तैनाती के दौरान, लेबनान सशस्त्र बलों के साथ रहने और उन्हें समर्थन देने का दायित्व भी मिला.
प्रस्ताव 1701 के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें.
UNIFIL ने लेबनान में इसराइली हमलों के बाद क्या कहा है?
यूएन मिशन ने 6 अक्टूबर 2024 को, लेबनान के क्षेत्र में अपने तैनाती स्थलों पर इसराइली सैन्य बलों की गतिविधियों पर गहरी चिन्ता व्यक्त की थी, जहाँ भीषण गोलाबारी होने की ख़बरें हैं.
यूएन महासचिव के प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने बताया कि इसराइली सैन्य बलों द्वारा ‘ब्लू लाइन’ के इर्दगिर्द लक्षित ढंग से हवाई हमले और ज़मीनी कार्रवाई की जा रही है.
“हिज़बुल्लाह ने इसी अवधि में बड़े पैमाने पर रॉकेट हमले किए हैं, जोकि उत्तरी इसराइल में इलाक़ों को निशाना बनाने और इसराइली सैन्य बलों के ज़मीनी धावों को विफल करने के इरादे से किए गए हैं.”
यूएन मिशन ने बताया कि यह एक बेहद ख़तरनाक स्थिति है. “सुरक्षा परिषद द्वारा सौंपे गए दायित्व के अनुरूप, अपनी ज़िम्मेदारी निभा रहे यूएन शान्तिरक्षकों की सलामती के साथ समझौता करना अस्वीकार्य है.”
शान्तिरक्षक अपनी ज़िम्मेदारी किस तरह से निभाते हैं?
UNIFIL शान्तिरक्षकों की, अनजाने में होने वाले टकराव से बचने और इसराइल और लेबनान के बीच ग़लतफ़हमी को टालने में अहम भूमिका है. इस कार्य के लिए मिशन द्वारा स्थापित सम्पर्क तंत्र का सहारा लिया जाता है.
वे दक्षिणी लेबनान में निष्पक्ष ढंग से ज़मीनी स्थिति पर नज़र रखते हैं और सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1701 के हनन मामलों पर जानकारी जुटाते व साझा करते हैं.
UNIFIL शान्तिरक्षक, लेबनान सशस्त्र बलों को प्रशिक्षण के ज़रिये समर्थन देते हैं. साथ ही, दक्षिणी लेबनान में उनकी तैनाती को मज़बूत बनाने में मदद दी गई है, ताकि वे बाद में यूएन शान्तिरक्षकों द्वारा निभाई जा रही ज़िम्मेदारियों को स्वयं पूरा कर सकें.
शान्तिरक्षक अपने तैनाती स्थलों पर बने रहते हैं और शासनादेश द्वारा सौंपे गए दायित्व का निर्वहन करते हैं. हालांकि मौजूदा सुरक्षा हालात के कारण, उनके लिए ग़श्त पर जाना और अभियान संचालन को पूरा करना चुनौतीपूर्ण हो गया है.
अपनी सुरक्षा के लिए ख़तरा होने की स्थिति में उन्हें अपने शिविरों में वापिस लौटने का भी निर्णय लेना पड़ सकता है.
UNIFIL के पास एक समुद्री टास्क फ़ोर्स भी है, जोकि यूएन शान्तिरक्षा मिशन के लिए अपनी तरह की पहली व्यवस्था है. इसके ज़रिये, लेबनान की नौसेना को समर्थन प्रदान किया जाता है, ताकि लेबनान की सीमाओं में आने वाले जल क्षेत्र की निगरानी की जा सके और वहाँ अनाधिकृत ढंग से हथियारों व अन्य सामग्री के प्रवेश की रोकथाम हो सके.
UNIFIL द्वारा मानवीय सहायताकर्मियों को उनके राहत अभियान के लिए रास्ता भी उपलब्ध कराया जाता है, ताकि स्थानीय नागरिक आबादी को समर्थन मुहैया कराया जा सके. यदि लेबनान सरकार के लिए नागरिकों को सुरक्षा दे पाना सम्भव नहीं हो पाता है, तो UNIFIL द्वारा यह ज़िम्मेदारी निभाई जाती है.
इसके अलावा, शान्तिरक्षक स्थानीय समुदायों को स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, बुनियादी ढाँचे समेत अन्य क्षेत्रों में परियोजनाओं व सहायता धनराशि के ज़रिये समर्थन प्रदान करते हैं.
UNIFIL, कुछ आँकड़े
इस संयुक्त राष्ट्र शान्तिरक्षा मिशन में क़रीब 11 हज़ार कर्मचारी अपनी सेवाएँ प्रदान करते हैं, जिनमें 10 हज़ार सैन्यकर्मी हैं. 550 स्थानीय व 250 अन्तरराष्ट्रीय कर्मचारी असैनिक ज़िम्मेदारियों को निभाते हैं.
50 देशों से आए शान्तिरक्षक इस मिशन का हिस्सा हैं. फ़िलहाल, 1,200 वर्दीधारी शान्तिरक्षकों के साथ, इंडोनेशिया का योगदान सबसे अधिक है.
समुद्री टास्क फ़ोर्स के पास पाँच जहाज़ और तीन हेलीकॉप्टर हैं, जिन्हें UNIFIL शान्तिरक्षकों द्वारा मिशन के कामकाज को समर्थन देने में इस्तेमाल किया जाता है. इस मिशन का वार्षिक बजट 50 करोड़ डॉलर है.