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रामलला के प्राण प्रतिष्ठा पर कांग्रेस ने किए सवाल, कहा- कैमरों के बीच ये सब करने वाले आप कौन?

Congress targeted PM narendra Modi on ram mandir pran prtistha event in ayodhya- India TV Hindi

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कांग्रेस ने पीएम मोदी पर साधा निशाना

अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बन रहा है। 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है। इस कार्यक्रम में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे। इस कार्यक्रम में देशभर की कई बड़ी हस्तियां और साधु-संत शामिल होंगे। विपक्षी दलों के कई नेताओं को भी निमंत्रण दिया गया है। कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को भी इस कार्यक्रम में शामिल होने का न्यौता भेजा गया था। लेकिन कांग्रेस ने रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने के न्यौते को ठुकरा दिया है। इसपर भाजपा नेता कांग्रेस पर खूब निशाना साध रहे हैं।

कांग्रेस प्रवक्ता ने नरेंद्र मोदी पर साधा निशाना

इस बीच कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने अब फिर से बयान दिया है। उन्होंने रामलला के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर कहा कि इस पूरे कार्यक्रम में कहीं भी धर्म और आस्था नहीं दिखती है। प्राण प्रतिष्ठा में वीआईपी लगाने वाले आप कौन हैं। कैमरों की फौज लगाकर प्रतिष्ठान करने वाले आप कौन हैं। इतना बड़ा कद हो गया कि आप भगवान से ऊपर हैं। शंकराचार्य से ऊपर हैं। उन्होंने कहा, अधूरी प्राण प्रतिष्ठा करने वाले आप कौन हैं। हम सब जानते हैं कि राम सबको चलाते हैं, लेकिन यहां पोस्टर जदेखे कि ये राम जी को अंगुली पकड़कर चलाते दिख रहे हैं। 

‘शकंराचार्य नहीं जाएंगे तो हम भी नहीं जाएंगे’

कांग्रेस को क्या करना है क्या नहीं करना है ये हम तय कर लेंगे। सर संघचालक जाएंगे। ये आयोजन धार्मिक नहीं है, बल्कि पूरी तरह से राजनैतिक है। वहीं कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने इसपर कहा कि धर्म आस्था का विषय है। धार्मिक अनुष्ठानों में काम करने का तरीका धार्मिक लोग जानते हैं, उन्हीं पर छोड़ देना चाहिए। जहां हमारे शंकराचार्य नहीं जा रहे, वहां हम भी नही जा रहे। भाजपा ने देश को कई तरीके से बांटा है। धर्म, जात जैसे मुद्दों पर बांटा। 15 जनवरी को यूपी कांग्रेस के पदाधिकारी अयोध्या जाएंगे। कांग्रेस ने 22 जनवरी को जाने से मना किया है। जिन चिट्ठियों का जिक्र किया जा रहा है कि दो शंकराचार्य ने लिखी है। उन चिट्ठियों को गौर से देखिए उनसे एक में प्रबंधन तो दूसरी में सचिव के हस्ताक्षर है। ये सब आईटी सेल वालों की चाल है।

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