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रामलला की मूर्ति बनाने वाले अरुण योगीराज से मिले PM मोदी, सामने आई अभिवादन की ये तस्वीरें

रामलला की मूर्ति बनाने वाले अरुण योगीराज से मिले PM मोदी, सामने आई अभिवादन की ये तस्वीरें

arun yogiraj pm modi- India TV Hindi

Image Source : X- ANI
अरुण योगीराज और प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को कर्नाटक के मैसुरु पहुंचे थे जहां उन्होंने मूर्तिकार अरुण योगीराज से मुलाकात की। योगीराज ने ही अयोध्या के राम मंदिर में स्थापित की गई रामलला की मूर्ति गढ़ी है। यह छोटी सी मुलाकात उस दौरान हुई जब पीएम मोदी चुनावी प्रचार के लिए मैसूर के महाराजा कॉलेज ग्राउंड पहुंचे हुए थे। इस दौरान योगीराज के अभिवादन का जवाब देते हुए पीएम ने भी उनका अभिवादन किया। न्यूज एजेंसी एएनआई दोनों की मुलाकात की तस्वीरें जारी की है जो कि अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल भी हो रही हैं।

‘रामलला की आंखों को लेकर किए जाते हैं सवाल’

एएनआई से बात करते हुए मूर्तिकार अरुण योगीराज ने कहा, ”मुझसे ज्यादातर सवाल रामलला की आंखों के बारे में पूछे जाते हैं। हर कोई खुश है और भगवान राम जीवित महसूस करते हैं। लोग मुझसे पूछते हैं कि मैंने यह कैसे किया? इस पर मेरा जवाब है कि मैंने नहीं बनाया। भगवान राम ने बनाया है। लोगों के ज्यादातर सवाल रामलला की आंखों को लेकर ही किए जाते हैं।” योगीराज ने बताया कि उनके स्टाफ का कहना है कि रामलला को देखकर ऐसा लगता है कि जैसे वे हमसे बात करने वाले हैं।

arun yogiraj and pm modi

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अरुण योगीराज और प्रधानमंत्री मोदी

जानिए अरुण योगीराज के बारे में-

अरुण योगीराज प्रसिद्ध मूर्तिकार योगीराज शिल्पी के बेटे हैं। अरुण के दादा को वाडियार घराने के महलों में खूबसूरती देने के लिए जाना जाता है। अरुण मैसूर महल के कलाकारों के परिवार से आते हैं। अरुण पूर्वजों की तरह मूर्तिकार नहीं बनना चाहते थे। 2008 से मैसूर विश्वविद्यालय से एमबीए किया। इसके बाद वो एक प्राइवेट कंपनी के लिए काम किया। उनके दादा ने भविष्यवाणी की थी कि अरुण बड़े मूर्तिकार बनेंगे और 37 वर्षों बाद ये सच हुआ।

अरुण योगीराज ने कृष्ण शिला पर 5 साल के राम लला की मूर्ति बनाई है। कृष्ण शिला को कर्नाटक के कारकाला से निकाला गया है। पिछले साल फरवरी-मार्च में इस शिला का चयन राम लला की मूर्ति बनाने के लिए किया गया था। इसके बाद कर्नाटक से 10 टन वजनी, 6 फीट चौड़ी और 4 फीट श्याम शिला अयोध्या लाई गई थी जिसपर अरुण योगीराज ने भगवान रामलला का विग्रह तराशा है।

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