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राजस्थान: विधायक रविंद्र सिंह भाटी की मुश्किलें बढ़ीं, 32 लोगों के खिलाफ नामजद और 900 अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज

Ravindra Singh Bhati- India TV Hindi

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रविंद्र सिंह भाटी

जयपुर: राजस्थान से एक बड़ी खबर सामने आई है। शिव विधानसभा क्षेत्र से विधायक रविंद्र सिंह भाटी समेत 32 लोगों के खिलाफ नामजद और अन्य 900 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। ये कार्रवाई बालोतरा पुलिस ने की है।गौरतलब है कि रविंद्र सिंह भाटी निर्दलीय विधायक हैं और लोकसभा का चुनाव भी लड़ रहे हैं।

एफआईआर में भाटी पर आरोप है कि वह अपने समर्थकों के साथ पुलिस अधीक्षक कार्यालय बालोतरा के सामने इकट्ठा हुए और बायतु थाना में घटित मारपीट की घटना को लेकर गिरफ्तार लोगों को छोड़ने की मांग करने लगे। इस दौरान उन्होंने धारा 144 का उल्लंघन किया।

आरोप ये है कि भाटी ने न केवल नियमों का उल्लंघन किया, बल्कि भाषणबाजी भी की। इस दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम लग गया और 15-20 मिनट तक वाहनों की लंबी कतारें देखी गईं। इस दौरान माल वाहक वाहनों, रोडवेज, एंबुलेंस, सेना वाहन बाधित हुए। 

रविंद्र सिंह भाटी कौन हैं?

रविंद्र सिंह भाटी जब अपने कॉलेज में पढ़ाई कर रहे थे। इसी दौरान वो छात्र राजनीति में एक्टिव हो गए। रविंद्र सिंह भाटी जोधपुर स्थित जय नारायण विश्वविद्यालय यानी जोधपुर विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष हैं। साल 2019 में भाटी चाहते थे कि उन्हें भारतीय जनता पार्टी की छात्र ईकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की तरफ से चुनावी टिकट दिया जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। ऐसे में भाटी ने साल 2019 में निर्दलीय चुनाव लड़ा और 1294 वोटों से जीत गए। जोधपुर यूनिवर्सिटी में 57 साल बाद ऐसा देखने को मिला जब किसी निर्दलीय प्रत्याशी ने छात्रसंघ का चुनाव जीता। बता दें कि बिना किसी राजनीतिक सहारे भाटी ने अपना नाम छात्र संघ में बनाया। 

छात्रों, युवाओं और सोशल मीडिया पर बेहद चर्चित रविंद्र सिंह भाटी राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे। भाटी को बड़े स्तर पर भाजपा में शामिल कराया गया। लेकिन मात्र 9 दिन में ही उन्होंने भाजपा से बगावत कर दी। दरअसल जब भाटी ने भाजपा को ज्वाइन किया, तब यह तय माना जा रहा था कि उन्हें ही भाजपा टिकट देगी और शिव विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाएगी। हालांकि पार्टी की अंदरूनी राजनीति के कारण रविंद्र सिंह भाटी को चुनाव का टिकट नहीं मिला, जिसके बाद उन्होंने पार्टी छोड़ दी और निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बनाया। 

रविंद्र सिंह भाटी राजस्थान के बाड़मेर जिले के एक गांव दुधौड़ा से आते हैं। दुधौड़ा गांव भारत और पाकिस्तान के बॉर्ड से सटे शिव विधानसभा क्षेत्र में है। शिव विधानसभा क्षेत्र और पाकिस्तान में स्थित राजपूत समाज के गांवों में रोटी-बेटी का संबंध है। इसलिए रविंद्र सिंह भाटी की चर्चा पाकिस्तान के उन गांवों में भी होती है और वो भी कहते हैं कि भाटी को चुनाव जीतना चाहिए। भाटी ने राजस्थानी भाषा में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। 

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