राजस्थान की नवगठित विधानसभा की कार्रवाई मंगलवार को फिर शुरू हुई जहां मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के कई विधायकों ने राजीव गांधी युवा मित्र योजना, इंटर्नशिप योजना को बहाल करने की मांग की। राज्य की नवगठित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार ने इस योजना को बंद कर दिया है।
सदन में मंगलवार को प्रश्नकाल व शून्यकाल के दौरान कई बार सत्ता पक्ष व विपक्ष के सदस्यों के बीच तीखी नोक झोंक हुई। प्रश्नकाल में विपक्ष ने सरकार की ओर से प्रश्नों के समुचित उत्तर नहीं मिलने का दावा करते हुए हंगामा किया।
सदन में सरकारी भर्ती परीक्षा प्रश्नपत्र लीक मामलों की जांच को लेकर सत्ता पक्ष व विपक्ष के सदस्य आमने-सामने आ गए, वहीं ‘राजीव गांधी युवा मित्र योजना’ को बंद किए जाने का मुद्दा भी शून्यकाल में उठा जहां कांग्रेस के कई विधायकों ने सरकार से अपना फैसला वापस लेने की मांग की।
इस कार्यक्रम के तहत पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार ने सरकारी सेवाओं के प्रचार-प्रसार के लिए हर जिले में युवाओं को युवा मित्र के रूप इंटरर्नशिप पर रखा जिन्हें वजीफा दिया जाता था। राज्य की नई सरकार ने यह कार्यक्रम बंद कर दिया है।
शून्यकाल में कांग्रेस विधायक रोहित बोहरा ने मुद्दा उठाते हुए कहा कि 5,000 युवा मित्र लगे थे लेकिन भाजपा सरकार ने इस योजना को बंद कर दिया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम को बहाल किया जाना चाहिए।
भारत आदिवासी पार्टी के विधायक राजकुमार रोत ने कहा कि प्रभावित युवा विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और उनके परिवार परेशान हैं।
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और कांग्रेस के अन्य सदस्यों ने इस मुद्दे पर सरकार से जवाब की मांग की। लेकिन विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने उन्हें मामले को आगे उठाने की अनुमति नहीं दी जिसके बाद कांग्रेस विधायकों ने विरोध करते हुए कुछ देन के लिए सदन से बहिर्गमन किया।
नवगठित विधानसभा में मंगलवार को पहला प्रश्नकाल था। पहला प्रश्न सरकारी भर्ती परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने के प्रकरणों से जुड़ा था। गृह विभाग की ओर से स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने सदन में कहा कि प्रश्नपत्र लीक के दर्ज प्रकरणों में एक माह पहले ही विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया गया है। एसआईटी की रिपोर्ट आने पर इन प्रकरणों में आगे कार्रवाई की जाएगी।
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के विधायक हनुमान बेनीवाल ने यह प्रश्न उठाया था। वह मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और ऐसे मामलों की सीबीआई जांच करवाने की मांग की। इसे लेकर सदन में काफी हंगामा हुआ।
डूंगरपुर की पंचायत समिति चिखली के भवन निर्माण में अनियमितता संबंधी सवाल के जवाब में मंत्री मदन दिलावर ने दो अधिकारियों को निलंबित करने की घोषणा सदन में की। उन्होंने कहा कि सम्बंधित विकास अधिकारी और कनिष्ठ अभियंता को निलंबित किया जाएगा।
कार्यवाही के दौरान विधानसभा अध्यक्ष देवनानी कई बार सदस्यों के व्यवहार से नाराज दिखे। उन्होंने सदस्यों को सदन में इधर-उधर नहीं घूमने की हिदायत दी। साथ ही उन्होंने अधिकारियों को भी कार्रवाई के दौरान सदन से उठकर नहीं जाने को कहा।
बाद में विधायक अनिता भदेल ने राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव रखा। इस पर वाद विवाद बाद की कार्यवाही में हुआ जिसमें अनेक विधायकों ने अपनी बात रखी। इस पर तीस जनवरी को राज्य सरकार की ओर से जवाब दिया जाएगा। वहीं 25 से 28 जनवरी तक बैठक नहीं होगी।
राज्य की 16वीं विधानसभा के पहले सत्र की बैठक इससे पहले 19 जनवरी को हुई जब राज्यपाल का अभिभाषण हुआ। इससे पहले 20 व 21 दिसंबर को हुई बैठक में नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई गई व विधानसभा अध्यक्ष का सर्वसम्मति से चुनाव हुआ।
राज्य की 200 सीटों वाली विधानसभा में सत्तारूढ़ भाजपा के पास 115 व कांग्रेस के पास 70 सीटें हैं।
डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।