प्रवासन व शरण के विषय में नए ‘पैक्ट’ पर ब्रसेल्स में कई सालों से जारी गहन वार्ता के बीच सहमति बनी है, और यह 2024 में लागू होने की आशा है.
शरण पाने के इच्छुक लोग मुख्यत: इटली और ग्रीस समेत अन्य देशों में सबसे पहले पहुँचते हैं. अब इस समझौते के ज़रिये प्रवासियों को समान रूप से योरोपीय देशों में भेजे जाने का प्रयास किया जाएगा.
इस क्रम में, ‘एकजुटता तंत्र’ की स्थापना की जाएगी जिसके ज़रिये, शरण पाने के दावों पर विचार की प्रक्रिया को इन सीमान्त देशों से इतर, अन्य देशों में आगे बढ़ाया जाएगा.
इसके लिए देशों को ज़रूरी समर्थन व समन्वय प्रदान किए जाने की बात कही गई है.
यूएन शरणार्थी एजेंसी के उच्चायुक्त फ़िलिपो ग्रैंडी ने सोशल मीडिया प्लैटफ़ॉर्म, X, पर अपने एक सन्देश में सदस्य देशों को इस समझौते पर पहुँचने के लिए बधाई दी है.
समर्थन व परामर्श
यूएन एजेंसी प्रमुख ने प्रवासन व शरण के विषय में राजनैतिक सहमति पर पहुँचने के लिए योरोपीय संघ और योरोपीय आयोग का आभार प्रकट किया.
“यह एक बहुत सकारात्मक क़दम है. अब इसे लागू किए जाने का समय! UNHCR परामर्श व समर्थन प्रदान करने के लिए तैयार है.”
योरोपीय क्षेत्र में प्रवासन, लम्बे समय से एक दरार पैदा करने वाला मुद्दा साबित हुआ है. अन्य की तुलना में कुछ योरोपीय देशों को अनियमित प्रवासन मार्गों से पेश आने वाली चुनौतियों से जूझने के लिए मजबूर होना पड़ता है.
इन देशों का मानना है कि प्रवासन से जुड़ी चुनौतियों की क़ीमत उन्हें राष्ट्रीय सीमा क्षेत्रों की रक्षा से चुकानी पड़ रही है.
नया ‘पैक्ट’
योरोपीय आयोग के अनुसार, प्रवासन व शरण पर नया समझौता, नियामन व नीतियों का एक पुलिन्दा है और इसका उद्देश्य एक अधिक निष्पक्ष, दक्ष व सतत प्रवान व शरण प्रक्रिया को आकार देना है.
इस समझौते में मुख्यत: पाँच अहम क्षेत्रों में ध्यान केन्द्रित किया गया है:
- योरोपीय संघ के बाहर से आने वाले लोगों की शिनाख़्त की व्यवस्था किया जाना
- जानकारी बनाए रखने के लिए साझा डेटा विकसित करना
- शरण, वापसी और सीमा सम्बन्धी प्रक्रिया को और अधिक दक्ष बनाना
- नए एकजुटता तंत्र को स्थापित किया जाना
- योरोपीय क्षेत्र को भावी प्रवासन संकटों से निपटने के लिए तैयार करना