आमिना जे मोहम्मद ने, यूएन महासभा के 78वें सत्र के उच्च स्तरीय सप्ताह के अवसर पर आयोजित, इस वैश्विक सिटिज़न महोत्सव में, ज़ोरशोर से नारा लगाया – धूप हो, बारिश हो, या तूफ़ान आए, हम सब यहाँ एकत्र हैं, क्योंकि हम अपने ग्रह के लिए समर्पित हैं.
मध्य पड़ाव पर सबकी शिरकत
उप प्रमुख ने इस मौक़े पर, 17 सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) की प्राप्ति के लिए दौड़, जलवायु संकट की समाप्ति और वास्तविक लैंगिक समानता के लिए ठोस प्रयास करने पर ख़ास ज़ोर दिया.
आमिना जे मौहम्मद ने कहा, “आज यहाँ जो कुछ देखने को मिला है उसमें सप्ताह भर विश्व नेताओं उन वादों पर पुनर्विचार की झलक मिलती है, जो सात वर्ष पहले किए गए थे, और आज हम, महान अल पचीनो की उस कहावत के लिए अपना संकल्प फिर दोहरा रहे हैं, जिसमें उन्होंने कहा था – जी हाँ आधा समय गुज़र गया है, और हम कुछ थके हुए हैं… मगर हम अभी खेल से बाहर नहीं हुए हैं.”
उन्होंने न्यूयॉर्क सिटी के बीचो-बीच स्थित, हरियाली से भरपूर विशाल सैंट्रल पार्क में एकत्र भारी भीड़ में नारा उछाला – क्या वो उन्हें ऐसा महसूस हो रहा है कि वो दुनिया को बदल रहे हैं: तो सुनें कि संयुक्त राष्ट्र के मंच से हम, आपके साथ हैं, हम दुनिया भर में लोगों को सक्रिय कर रहे हैं.
ग्लोबल सिटिज़न का मुख्य उद्देश्य, ऐसे लक्ष्यों के माध्यम से, अत्यन्त गम्भीर निर्धनता का उन्मूलन करना है जो संयुक्त राष्ट्र और सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के साथ पूरी तरह मेल खाता हो.
इस महोत्सव में, वैश्विक नेताओं ने, अन्तरराष्ट्रीय कृषि विकास कोष (IFAD) के लिए $24 करोड़ की रक़म इकट्ठी करने का संकल्प व्यक्त किया. साथ ही ब्राज़ील के ऐमेज़ॉन जंगलों में नौ लाख अतिरिक्त भूमि के संरक्षण का भी वादा किया.
वादे पूरे करने में मुश्किल
यूएन उप महासचिव ने माना कि दुनिया में बहुत से लोग अपने द़िमाग़ों और शरीरों के साथ ज़ख़्मी महसूस कर रहे हैं, जहाँ युद्ध जारी हैं और पृथ्वी ग्रह का ना केवल तापमान बढ़ रहा है, बल्कि ये उबल रहा है.
उन्होंने कहा, “विश्व नेतागण, वैश्विक लक्ष्यों के लिए अपने वादे पूरे करने में अपनी शक्ति का प्रयोग करनें में, दरअसल जद्दोजहद कर रहे हैं और वो अरबों लोगों से किए हुए अपने वादे तोड़ने का जोखिम मोल ले रहे हैं.”
एक अच्छी ख़बर ये है कि 2030 की समय सीमा में अभी सात वर्ष बाक़ी बचे हैं, अब भी मध्यान्तर के बाद के हिस्से में, खेल जीता जा सकता है, मगर “हम जब तक तापमान वृद्धि को नहीं रोकेंगे, तब तक ये जीत हासिल नहीं कर सकते.”
खाई को पाटें
आमिना जे मोहम्मद ने कहा, “हमें ऐसे नेताओं की आवश्यकता है जो डिजिटल खाई को पाटें – क्योंकि अरबों लोग, और विशेष रूप में लड़कियाँ, अगर इंटरनेट से वंचित हैं और उन्हें अगर पीछे छोड़ दिया जाता है, तो हम जीत हासिल नहीं कर सकते हैं.”
उन्होंने कहा कि अगर महिलाओं व लड़कियों को, सामूहिक प्रयासों के हाशिये पर छोड़ दिया जाता है, तो उसका मतलब है कि आधी टीम तो, मैदान पर भी मौजूद नहीं होती.
“इसलिए, न्यूयॉर्क वासियो, ये बहुत अहम समय है. मगर ऐसे समय में ही, चैम्पियन आकार लेते हैं.”
उन्होंने कहा, “आइए, हम एकजुट हों और एक साथ मिलकर जेद्दोजहद करें – इंच दर इंच – 2030 तक वैश्विक लक्ष्यों की प्राप्ति का आपना वादा पूरा करने के लिए.”