यूनीसेफ़ प्रतिनिधि के अनुसार पिछले छह दिनों में, डनिप्रो, लिविव, ख़ारकीव, कीव, ओडेसा समेत अन्य रिहायशी इलाक़ों में बच्चे, उनके परिवार और बुनियादी ढाँचे हमलों की जद में आए हैं.
रूस द्वारा किए गए हमलों में कम से कम आठ स्कूलो व 10 स्वास्थ्य केन्द्रों को नुक़सान पहुँचा है, जिनमें एक मातृत्व केन्द्र भी है.
मुनीर मम्मादज़ादे ने कहा, “यूक्रेन के सबसे युवा नागरिकों द्वारा इन हमलों का ख़ामियाज़ा भुगता जाना जारी है. हमारी शोक संवेदनाएँ सभी प्रभावितों के साथ हैं.”
यूक्रेन में यूनीसेफ़ के शीर्ष अधिकारी ने क्षोभ प्रकट किया कि यहाँ बच्चों ने अपने ध्वस्त हो चुके घरों, सायरन और बमबारी की आवाज़ के बीच 2024 की शुरुआत की है.
प्रतिनिधि मम्मादज़ादे ने कहा कि लोगों के हताहत होने, नागरिक प्रतिष्ठानों को नुक़सान पहुँचने और अनवरत हमलों का उन पर गहरा असर हुआ है, और उल्लास का यह मौसम बच्चों के लिए अपने साथ भय व दुख लेकर आया है.
जिन बच्चों के घर ध्वस्त या क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें बिना तापन व्यवस्था और जल आपूर्ति के रहना पड़ रहा है. सर्दी के मौसम में तापमान -20°C तक पहुँच गया है, जिससे हालात बेहद मुश्किल भरे हैं.
“यूएन द्वारा सत्यापित जानकारी के अनुसार, यूक्रेन में युद्ध भड़कने के बाद से अब तक लगभग एक हज़ार 800 बच्चों की या तो मौत हुई है या वे घायल हुए हैं.”
“वास्तविक आँकड़ा इससे कहीं अधिक होने की आशंका है.”
यूनीसेफ़ प्रतिनिधि ने ध्यान दिलाया कि बच्चों को जान से मारना, उन्हें अपंग बनाना, स्कूलों व स्वास्थ्य केन्द्रों पर हमले करना, बाल अधिकारों का गम्भीर हनन है और इन्हें तत्काल रोका जाना होगा.
परमाणु प्लांट के लिए वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत
यूक्रेन के ज़ैपोरिझिझिया परमाणु ऊर्जा प्लांट और अन्तरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के बीच विचार-विमर्श के बाद, बिजली आपूर्ति के लिए एक वैकल्पिक स्रोत को तत्काल तैयार रखे जाने पर सहमति बनी है.
यूएन परमाणु ऊर्जा एजेंसी के प्रमुख रफ़ाएल ग्रोस्सी ने बुधवार को बताया कि वहाँ जारी लड़ाई के दौरान, बिजली के मुख्य स्रोत को क्षति पहुँचने की स्थिति में यह वैकल्पिक व्यवस्था अहम है.
ज़ैपोरिझिझिया, योरोप का सबसे बड़ा परमाणु प्लांट है, जोकि रूस के नियंत्रण में है. वहाँ निरन्तर बिजली आपूर्ति ठप होने की ख़बरें मिली हैं, जोकि सुरक्षा के नज़रिये से चिन्ताजनक है.
परमाणु प्लांट के पूर्ण रूप से बन्द होने की स्थिति में भी रिएक्टर को ठंडा रखने के लिए बिजली आपूर्ति ज़रूरी है.
अगस्त 2022 के बाद से अब तक, अब तक इस प्लांट पर आठ बार बिजली आपूर्ति में व्यवधान आ चुका है.