यूएन परमाणु एजेंसी प्रमुख ने विएना में IAEA के महासम्मेलन के 67वें नियमित सत्र के उदघाटन कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा, “हम कहीं नहीं जा रहे हैं.”
उन्होंने बताया कि यूएन के 53 मिशनों से 116 कर्मचारियों को यूक्रेन के पाँच परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में तैनात किया गया है, और यूएन एजेंसी के कर्मचारियों की मौजूदगी वहाँ लगातार बनी हुई है.
इन परमाणु प्लांट में दक्षिणी यूक्रेन के ज़ैपोरिझिया में डनिप्रो नदी पर स्थित संयंत्र (ZNPP) भी है, जहाँ IAEA महानिदेशक के अनुसार हालात नाज़ुक बने हुए हैं.
यूक्रेन के ज़ैपोरिझिया परमाणु संयंत्र पर रूसी सैन्य बलों का नियंत्रण है, लेकिन उसका संचालन यूक्रेनी कर्मचारियों के हाथ में है.
अन्तरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी, यूक्रेन युद्ध के शुरुआती दिनों से ही, योरोप के इस सबसे बड़े परमाणु प्लांट की निगरानी कर रही है.
इस वर्ष, जून महीने में कख़ोवका बाँध के क्षतिग्रस्त होने के बाद, यूएन एजेंसी की एक टीम ने ज़ैपोरिझिया प्लांट में सुरक्षा हालात का जायज़ा लिया था, और यहाँ छह इकाइयों में शीतलन की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है.
राफ़ाएल ग्रोस्सी के अनुसार, परमाणु केन्द्रों पर जल संसाधनों में स्थिरता लाने के लिए क़दम उठाए गए हैं, जोकि फ़िलहाल अगले कई महीनों तक शीतलन आवश्यकताओं के नज़रिये से पर्याप्त हैं.
मगर, सुरक्षा हालात और परमाणु सुरक्षा सम्बन्धी चिन्ताओं से यह अब भी एक चुनौतीपूर्ण कार्य है.
इस महासम्मेलन के आरम्भ में, यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश का एक सन्देश पढ़ कर सुना गया, जिसमें उन्होंने यूक्रेन के संयंत्रों पर तैनात यूएन परमाणु एजेंसी के कर्मचारियों की साहसिक सेवा के लिए, उनका आभार प्रकट किया है.
उन्होंने भरोसा दिलाया कि यूक्रेन के पाँच परमाणु केन्द्रों पर विशेषज्ञों की अदला-बदली, सुरक्षित ढंग से जारी रखने के लिए हरसम्भव प्रयास किए जाएंगे.