विश्व

यूक्रेन: युद्ध को ‘नए सामान्य हालात’ मानने से बचना होगा, मानवतावादी अधिकारी की चेतावनी

यूक्रेन के लिए यूएन की मानवतावादी समन्वयक डेनिज़ ब्राउन ने शुक्रवार को कहा कि पिछले दो महीनों के दौरान यह स्पष्ट है कि युद्ध और गहन हुआ है.

उन्होंने जिनीवा में पत्रकारों को बताया कि दो सप्ताह पहले, उनकी पिछली यूक्रेन यात्रा के दौरान दिन में 12 बार सायरन सुनाई दिए और 12 विस्फोट हुए. 

“ख़ारकीव शहर में दैनिक जीवन में निरन्तर व्यवधान आ रहा है.”

रूसी सैन्य बलों ने 10 मई को ख़ारकीव क्षेत्र में नए सिर से धावा बोला, और वोवचान्स्क नगर को अपने नियंत्रण में ले लिया. साथ ही ख़ारकीव शहर पर हवाई हमले तेज़ किए गए हैं. 

यह यूक्रेन का दूसरा सबसे बड़ा शहरी केन्द्र है, जहाँ क़रीब 10 लाख निवासी भय भरे माहौल में जीवन गुज़ार रहे हैं. 

लाखों लोगों के लिए सदमा

विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक अनुमान के अनुसार, यूक्रेन में क़रीब एक करोड़ लोग गहरे सदमे के जोखिम से जूझ रहे हैं, और इनमें बच्चे भी हैं.

वहीं, संयुक्त राष्ट्र बाल कोष ने बताया कि देश भर में 40 लाख बच्चों की शिक्षा बाधित हुई है और छह लाख बच्चों के लिए व्यक्तिगत रूप से स्कूल में पढ़ाई कर पाना सम्भव नहीं है.

ख़ारकीव शहर में बच्चे, केवल मेट्रो स्टेशन की सुरंगों में ही सुरक्षित ढंग से पढ़ाई कर पा रहे हैं. अपनी हालिया यात्रा के दौरान, मानवतावादी समनव्यक ने इन हालात को प्रत्यक्ष रूप से देखा.

“मेरी पहली प्रतिक्रिया थी कि कक्षाएँ, नियमित कक्षाओं जैसी ही नज़र आईं. बच्चों, शिक्षकों, ऊर्जा और उत्साह से भरी हुईं, जैसाकि बच्चों में होता है. मेरा दूसरा विचार था: लेकिन यह सामान्य नहीं है. यह सामान्य बात नहीं है कि बच्चों को भूमिगत होकर पढ़ना पढ़े.” 

शान्ति स्थापना पर बल

मानवतावादी समन्वयक डेनिज़ ब्राउन ने जर्मनी की राजधानी बर्लिन में यूक्रेन को युद्ध के प्रभावों से उबारने के लिए आयोजित एक सम्मेलन में हिस्सा लिया. यहाँ 14 देशों और अन्तरराष्ट्रीय संगठनों ने पुनर्बहाली, पुनर्निर्माण और सुधार के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया है.

उन्होंने महासचिव एंतोनियो गुटेरेश की बात दोहराते हुए कहा कि रूसी सैन्य बलों का यूक्रेन पर आक्रमण, संयुक्त राष्ट्र चार्टर का एक उल्लंघन है. 

“हम यूक्रेन में न्यायोचित ढंग से स्थापित शान्ति के लिए आशा करते हैं. और जैसाकि मैंने बार-बार कहा है, शेष दुनिया को यूक्रेन में युद्ध का सामान्यकरण नहीं करना चाहिए.”

देश में युद्ध शुरू हुए 28 महीने बीत चुके हैं और विशाल स्तर पर मानवीय आवश्यकताएँ उपजी हैं. 32 हज़ार से अधिक आम हताहत हुए हैं. 11 हज़ार लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक होने की आशंका है.

युद्ध से पूर्व के काल के 30 फ़ीसदी रोज़गार समाप्त हो चुके हैं और निर्धनता में 5 से 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. 1.46 करोड़ लोगों, यानि देश की 40 फ़ीसदी आबादी को 2024 में मानवीय सहायता की आवश्यकता होगी. 

अन्तरराष्ट्रीय मानवतावादी समुदाय ने बेहद सम्वेदनशील हालात में जीवन गुज़ार रहे 85 लाख लोगों के लिए जीवनदायी सहायता प्रदान करने के इरादे से 3.1 अरब डॉलर की अपील की है. 

Source link

Most Popular

To Top