विश्व

यूक्रेन: घनी आबादी वाले शहरों में, ‘जघन्य हमलों’ की लहर की कठोर निन्दा

यूएन की वरिष्ठ अधिकारी डेनिज़ ब्राउन ने शुक्रवार को जारी अपने एक वक्तव्य में क्षोभ प्रकट किया कि इन जघन्य हमलों की लहर, अपने पीछे विध्वंस, मौत व मानव पीड़ा को छोड़ गई. 

बमबारी में घरों, स्कूलों, अस्पतालों, एक शॉपिंग मॉल, मेट्रो स्टेशन और ऊर्जा के बुनियादी ढाँचे को नुक़सान पहुँचा है, और देश के लगभग हर क्षेत्र में आम नागरिक हताहत हुए हैं.

वहीं, यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय के प्रमुख वोल्कर टर्क ने अपनी टिप्पणी में रूसी महासंघ द्वारा यूक्रेन पर समन्वित ढंग से, एक बार फिर बड़े पैमाने पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए जाने की भर्त्सना की है. 

बताया गया है कि इन हमलों में कीव, लिविव, सूमी, डनिप्रो, ख़ारकीव, ओडेसा, ज़ैपोरिझिझिया समेत कई अन्य इलाक़ों में जान-माल की क्षति हुई है. बहुत से क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति ठप हो गई हैं.

अब तक प्राप्त जानकारी के अनुसार, कम से कम 23 आम नागरिक मारे गए हैं और 134 के घायल होने का समाचार है. बचाव एवं तलाश दल रिहायशी इमारतों के मलबे में फँसे लोगों को जीवित निकालने की कोशिशों में जुटे हैं.

‘भयावह वास्तविकता’

यूएन मानवीय सहायता समन्वयक डेनिज़ ब्राउन ने कहा कि ये हमले यूक्रेन की जनता के लिए भयावह वास्तविकता को दर्शाने वाला एक और उदाहरण है, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता. 

उनके अनुसार, यूक्रेन की जनता के लिए वर्ष 2023, अपार पीड़ा का साल साबित हुआ है.

“रूसी महासंघ ने अन्तरराष्ट्रीय मानवतावादी क़ानून के तहत तयशुदा दायित्वों के प्रति बेपरवाही बरतने के अपने रुख़ को जारी रखा है.”

यूएन अधिकारी ने ध्यान दिलाया कि आम नागरिकों और नागरिक प्रतिष्ठानों को जानबूझकर निशाना बनाकर किए गए हमले, या किसी भी प्रकार की परिस्थितियों में ताबड़तोड़ हमलों पर सख़्त पाबन्दी है.

मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने रूसी महासंघ से यूक्रेन पर इन हमलों को तत्काल रोकने का आग्रह किया है और हिंसक टकराव के दौरान आचरण सम्बन्धी अन्तरराष्ट्रीय क़ानूनों के अनुपालन पर बल दिया है.

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