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यूक्रेन: खेरसॉन के बाज़ार पर हमले की निन्दा, बन्दियों के साथ बुरे बर्ताव पर क्षोभ

यूक्रेन: खेरसॉन के बाज़ार पर हमले की निन्दा, बन्दियों के साथ बुरे बर्ताव पर क्षोभ

यूएन मानवतावदी समन्वयक माथियास श्मेल ने मंगलवार को जारी अपने एक वक्तव्य में कहा कि एक बार फिर, रूसी सैन्य बलों के एक और हमले में आम नागरिक हताहत हुए हैं. ये हमला खेरसॉन शहर में एक व्यस्त बाज़ार में हुआ जब दिन की शुरुआत हो ही रही थी.

समाचार माध्यमों के अनुसार, इस हमले में कम से कम पाँच लोगों की जान गई है और कई अन्य घायल हुए हैं. बाज़ार और सार्वजनिक परिवहन प्रतीक्षा स्थल भी क्षतिग्रस्त हुआ है.

यूएन के शीर्ष अधिकारी ने बताया कि यूक्रेन पर रूस ने 24 फ़रवरी 2022 को आक्रमण किया था, जिसके बाद से ही, हज़ारों लोगों को उनके रोज़मर्रा के जीवन में, बाज़ार, स्कूलों व अस्पतालों में निशाना बनाया गया और युद्ध के कारण फिर वे घर नहीं लौट पाए.

माथियास श्मेल ने ज़ोर देकर कहा कि अन्तरराष्ट्रीय मानवतावादी क़ानून के तहत, आम नागरिकों व नागरिक प्रतिष्ठानों पर हमलों की सख़्त पाबन्दी है.

हताहतों की संख्या में वृद्धि

इस बीच, यूक्रेन में यूएन मानवाधिकार कार्यालय के अनुसार इस वर्ष जून से अगस्त महीने के दौरान, हताहत होने वाले आम नागरिकों की संख्या और नागरिक प्रतिष्ठानों को क्षति पहुँचने के मामले बढ़े हैं.

यूएन कार्यालय की नई रिपोर्ट के अनुसार, 1 जून 2024 से 31 अगस्त 2024 तक, 589 आम नागरिक मारे गए हैं और ढाई हज़ार से अधिक घायल हुए हैं. इस अवधि में हताहत आम नागरिकों की संख्या उससे पहले के तीन महीनों की अवधि के मुक़ाबले 45 प्रतिशत अधिक दर्ज की गई है. 

अक्टूबर 2022 के बाद से अब तक, जुलाई 2024 आम नागरिकों के लिए सबसे घातक महीना साबित हुआ है. सबसे जानलेवा दिन 8 जुलाई था जब बड़े पैमाने पर किए गए मिसाइल हमलों में कम से कम 43 आम नागरिक मारे गए.

इस अवधि में, रूसी सैन्य बलों ने यूक्रेन में ऊर्जा प्रतिष्ठानों को नुक़सान पहुँचाना जारी रखा, जिसके तहत अति-आवश्यक सेवाओं पर असर पड़ा और सर्दी के मौसम से पहले चिन्ताएँ उपजी.

यूक्रेन में यूएन मानवाधिकार निगरानी मिशन ने पुष्टि की है कि 31 अगस्त तक यूक्रेन युद्ध में कम से कम 11 हज़ार 743 लोगों की जान गई है और 24 हज़ार से अधिक घायल हुए हैं.

रिपोर्ट में युद्धबन्दियों के साथ किए जा रहे बर्ताव पर भी ध्यान केन्द्रित किया गया है, जोकि सैकड़ों इंटरव्यू के ज़रिये जुटाई गई जानकारी पर आधारित है.

युद्धबन्दियों की स्थिति

यह दर्शाती है कि रूसी सैन्य बलों ने यूक्रेन में युद्धबन्दियों को व्यापक स्तर पर और व्यवस्थागत ढंग से यातनाएँ दी हैं और उनके साथ बुरा बर्ताव किया गया है.

उन्हें बुरी तरह मारा-पीटा गया, बिजली के झटके लगाए गए, दम घोंटा गया, लम्बे समय तक कठिन मुद्रा में रहने के लिए मजबूर किया गया, नीन्द से वंचित रखा गया, अपमानजनक बर्ताव किया गया है और ऐसा महसूस कराया गया कि उन्हें जान से मार दिया जाएगा.

रिपोर्ट के अनुसार, ऐसे संकेत मिले हैं कि हिरासत केन्द्रों पर निरीक्षण अधिकारियों को इस बर्ताव के बारे में पता था, और इसे रोकना उनकी सामर्थ्य में भी था. रूस में कुछ सार्वजनिक हस्तियों ने सरकारी मीडिया में जानबूझकर युद्धबन्दियों के साथ अमानवीय बर्ताव और हत्याओं तक के लिए उकसाया. 

वहीं, रूसी युद्धबन्दियों के साथ भी यूक्रेनी सुरक्षा बलों ने यातना व बुरे बर्ताव को अंजाम दिया, विशेष रूप से हिरासत के शुरुआती दिनों में.

उन्होंने मारा पीटा गया, मौत व शारीरिक हिंसा की धमकी दी गई और कुछ मामलों में बिजली के झटके दिए गए.

मगर, लगभग सभी मामलों में यातनाओं व बुरे बर्ताव की घटनाएँ, आधिकारिक बन्दीगृह में लाए जाने के बाद थम गई, जहाँ हालात को मोटे तौर पर अन्तरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप रखे जाने के संकेत मिले हैं.

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