यूएन के उप प्रवक्ता फ़रहान हक़ ने शुक्रवार को पत्रकारों को बताया कि महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने बड़े पैमाने पर हुए इन ड्रोन व मिसाइल हमलों की कठोर निन्दा की है.
“महासचिव मौतों और विध्वंस का सिलसिला जारी रहने से क्षुब्ध हैं और एक बार रेखांकित करते हैं कि आम नागरिकों और नागरिक प्रतिष्ठानों पर हमले, अन्तरराष्ट्रीय मानवतावादी क़ानून का उल्लंघन हैं, वे अस्वीकार्य हैं और उन्हें तुरन्त रोका जाना होगा.”
प्राप्त जानकारी के अनुसार, कई प्रकार की मिसाइलों व ड्रोन के ज़रिये शुक्रवार तड़के छोड़े गए, जिससे कुछ इलाक़ों में जल आपूर्ति में व्यवधान आया और ख़ारकीव, पोलतावा, ओडेसा, सूमी समेत अन्य शहरों में बिजली आपूर्ति ठप हो गए.
निरस्त्रीकरण मामलों के लिए यूएन की उच्च प्रतिनिधि इज़ूमी नाकामित्सू ने सुरक्षा परिषद को बताया कि ऊर्जा सम्बन्धी बुनियादी ढाँचे को निशाना बनाया जाना पूरी तरह से अस्वीकार्य है.
“इस तबाही का स्तर व दायरा क्षोभजनक है.”
मानवतावादी क़ानून का सम्मान ज़रूरी
यूक्रेन में यूएन की वरिष्ठ मानवीय सहायता समन्वयक डेनिज़ ब्राउन ने कहा कि प्रभावित इलाक़ों में लोगों को बचाने और उन तक राहत पहुँचाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.
उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि रूसी सैन्य बलों ने जिस स्तर पर ऊर्जा संयंत्रों पर ये हमले किए हैं, वह बेहद परेशान कर देने वाला है.
यूएन अधिकारी के अनुसार, साझेदार संगठनों के साथ मिलकर यूक्रेन में ज़रूरतमन्द आबादी तक सहायता पहुँचाने का कार्य जारी है.
उन्होंने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि शुक्रवार को हुए हमले से नागरिक प्रतिष्ठानों को पहुँची क्षति से यूक्रेन में लाखों लोगों के लिए पहले से गम्भीर मानवीय स्थिति और गहरा जाएगा.
डेनिज़ ब्राउन ने ज़ोर देकर कहा कि अन्तरराष्ट्रीय मानवतावादी क़ानून में आम नागरिकों, नागरिक प्रतिष्ठानों की रक्षा करने पर स्पष्ट रूप से बल दिया गया है और इनका अनुपालन किया जाना होगा.
जल व बिजली आपूर्ति प्रभावित
यूक्रेन में मानवाधिकारों की स्थिति की निगरानी करने वाले मिशन की प्रमुख डेनियल बेल ने कहा कि शुक्रवार सुबह को हुए ये हमले, पिछले एक वर्ष में एक दिन में हुए सबसे अधिक हमले हैं.
इनमें बिजली और जल के अहम बुनियादी ढाँचों को निशाना बनाया गया है जिसका स्थानीय नागरिक आबादी के लिए विनाशकारी असर हो सकता है.
ज़ैपोरिझिझिया में स्थित यूक्रेन के विशालतम बाँध को भी क्षति पहुँची है, मगर वह फ़िलहाल स्थिर बताया गया है.
ज़ैपरोझिझिया परमाणु ऊर्जा प्लांट की एकमात्र आपूर्ति लाइन भी विद्युत व्यवस्था पाँच घंटे के लिए ठप हो गई थी. अन्तरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने आगाह किया है कि हमलों की यह लहर परमाणु सुरक्षा व बचाव पर मडंराते जोखिमों को रेखांकित करती है.