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यूक्रेनी जन, रूसी ‘हिंसा, उत्पीड़न व दमन’ के शिकार

यूक्रेनी जन, रूसी ‘हिंसा, उत्पीड़न व दमन’ के शिकार

यूएन मानवाधिकार प्रमुख ने मंगलवार को, जिनीवा स्थित मानवाधिकार परिषद को एक वीडियो सन्देश में सम्बोधित करते हुए कहा कि यूक्रेन पर रूसी आक्रमण शुरू होने के बाद, दो वर्षों के दौरान, हर दिन मानव पीड़ा के हृदयविदारक घटनाक्रम देखने को मिले हैं. 

उन्होंने चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि “दुनिया इस संकट के लिए उदासीन हो गई है”.

वोल्कर टर्क ने याद दिलाया कि यूक्रेन में रूसी आक्रमण के “अत्यन्त गम्भीर पीड़ा, रक्तपात, हानि और शोक’ के दो वर्षों के, साढ़े दस हज़ार से अधिक लोग मारे गए हैं और 20 हज़ार से अधिक घायल हुए हैं.

अलबत्ता उन्होंने यह भी कहा कि वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक होने की सम्भावना है.

क्रीमिया में रूसी क़ब्ज़े के 10 वर्ष

वोल्कर टर्क ने, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) की हाल में जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि दस वर्ष पहले, रूसी सेनाओं द्वारा क्रीमिया पर क़ब्ज़ा करने के साथ, मानवाधिकार हनन शुरू हुआ था.

उन्होंने कहा, “क्रीमिया में रूसी महासंघ की क़ानूनी और प्रशासनिक व्यवस्था लागू किए जाने के परिणामस्वरूप, वहाँ के लोगों को ऐसी गतिविधियों के लिए अभियुक्त बनाया गया और उन्हें अपराधी ठहराया गया, जो यूक्रेनी क़ानून के तहत अपराध नहीं हैं. और अक्सर ऐसा अतीत की गतिविधियों के लिए भी किया गया.”

यह रूसी क़ब्ज़ा फ़रवरी 2022 के हमले के बाद, दोनेत्स्क, ख़ेरसॉन, लूहांस्क, और ज़ैपोरिझझिया क्षेत्रों तक बढ़ गया है.

वोल्कर टर्क ने ऐसे मामलों का भी ज़िक्र किया जिनमें क्रीमिया में लोगों को, उनके ही देश यानि यूक्रेन के ख़िलाफ़ युद्ध में भाग लेने के लिए भर्ती किया गया है.

आम दंडमुक्ति

यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने कहा कि रूसी सशस्त्र बलों ने, अन्तरराष्ट्रीय मानवाधिकार और मानवीय क़ानून का, बड़े पैमाने पर उल्लंघन किया है, जिनमें क़ाबिज़ इलाक़ों में, ग़ैर-क़ानूनी तरीक़े से लोगों की हत्याएँ, उत्पीड़न, जबरन गुमशुदगी, और मनमानी गिरफ़्तारियाँ शामिल हैं.

उन्होंने बताया कि क्रीमिया में, रूस ने यूक्रेनी इंटरनैट नैटवर्कों, टीवी और रेडियो स्टेशनों को बन्द कर दिया है और तमाम संचार, रूसी नैटवर्कों से होकर जा रहा है. साथ ही, यूक्रेन समर्थक व सुरक्षा जोखिम सलमझे जाने वाले लोगों को निशाना बनाया गया है.

वोल्कर टर्क ने कहा, “रूस के क़ाबिज़ अधिकारियों ने, शान्तिपूर्ण प्रदर्शनों का दमन किया है, स्वतंत्र अभिव्यक्ति को प्रतिबन्धित किया है, लोगों की आने-जाने की गतिविधियों पर सख़्त पाबन्दियाँ लगाई हैं, और घरों व कारोबारों को लूटा है.”

आम दंडमुक्ति के वातावरण में, इन कार्रवाइयों ने, एक डर का माहौल बना दिया है, जिसमें रूसी महासंघ को अपना नियंत्रण मज़बूत करने में मदद मिली है.

घावों को भरना शुरू करें

वोल्कर टर्क ने कहा, “यूक्रेन में मानवीय त्रासदी बहुत लम्बे समय तक चली है. मैं रूसी महासंघ से, अपना सशस्त्र हमला बन्द करने की पुकार, एक बार फिर दोहराता हूँ.”

उन्होंने रूसी अधिकारियों से, यूक्रेनी युद्धबन्दियों की हत्याएँ किए जाने के आरोपों की त्वरित जाँच कराने और उनके उत्पीड़न व उनके साथ दुर्व्यवहार को रोकने के लिए क़दम उठाने का आग्रह भी किया है.

यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त ने ज़ोर देकर कहा, “अब समय है कि इस युद्ध और क़ब्ज़े को रोका जाए और उनकी वजह से बने घावों और पीड़ाजनक विभाजनों को भरने का काम शुरू किया जाए.”

उन्होंने कहा, “इतिहास ने हमें दिखाया है कि क़ब्ज़े की विरासत दर्दनाक, जटिल और दीर्घकालीन होती है.”

वोल्कर टर्क ने, यूक्रेन को भी जवाबदेही पर आधारित एक ऐसा व्यापक रुख़ अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया है, जो व्यापक और समावेशी संवादों पर आधारित हो.

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