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यूएन महासचिव ने UNRWA के लिए समर्थन जारी रखने का किया आग्रह

यूएन प्रमुख ने रविवार को जारी अपने वक्तव्य में कहा कि फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन राहत एवं कार्य एजेंसी (UNRWA) के 12 कर्मचारियों के विरुद्ध गम्भीर आरोप सामने आने के बाद तुरन्त कार्रवाई की जा रही है.

UNRWA के महाआयुक्त फ़िलिपे लज़ारिनी ने इनमें से 9 कर्मचारियों की तत्काल शिनाख़्त होने के बाद उनके अनुबन्ध को तत्काल समाप्त कर दिया है. एक व्यक्ति के मारे जाने की पुष्टि हुई है. दो अन्य की पहचान की पुष्टि करने के प्रयास किए जा रहे हैं. 

बताया गया है कि संयुक्त राष्ट्र में आन्तरिक निरीक्षण सेवा कार्यालय द्वारा ने भी इस मामले को अपने संज्ञान में लेने के बाद जाँच शुरू कर दी है.

7 अक्टूबर को हमास और अन्य फ़लस्तीनी चरमपंथियों द्वारा दक्षिणी इसराइल में किए गए हमलों में यूएन एजेंसी के कुछ कर्मचारियों के संलिप्त होने के आरोपों के बाद अमेरिका, ब्रिटेन, कैनेडा, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी समेत अन्य देशों ने UNRWA को वित्तीय सहायता रोक दी है.

महासचिव गुटेरेश ने कहा कि, “आतंकी कृत्यों में संलिप्त किसी भी यूएन कर्मचारी की आपराधिक मुक़दमे समेत पूरी जवाबदेही तय की जाएगी.”

उनके अनुसार, इस सिलसिले में यूएन सचिवालय, अभियोजन कार्रवाई के लिए सम्बद्ध एजेंसियों को सहयोग प्रदान करने के लिए तैयार है. 

सहायता प्रयासों में अग्रणी भूमिका

ग़ाज़ा में 20 लाख लोग अपनी गुज़र-बसर के लिए यूएन एजेंसी से प्राप्त होने वाली महत्वपूर्ण सहायता पर निर्भर हैं और इसराइली कार्रवाई के बाद विशाल स्तर पर मानवीय सहायता आवश्यकताएँ उपजी हैं.

फ़िलहाल ग़ाज़ा में क़रीब 13 हज़ार कर्मचारी हैं, जिनमें से तीन हज़ार मुख्य स्टाफ़ हैं, जो अब भी काम कर रहे हैं और स्थानीय समुदायों को जीवनरक्षक मदद पहुँचाने में जुटे हैं. 

यूएन एजेंसी 10 लाख से अधिक लोगों के लिए आश्रय स्थल संचालित करती है, और घमासान लड़ाई के दौरान भी लोगों को उन्हें भोजन व प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल मुहैया कराया जा रहा है.

मगर, UNRWA के वित्तीय संसाधनों का मौजूदा स्तर, फ़रवरी में स्थानीय फ़लस्तीनी आबादी की सभी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है. 

समर्थन की अपील

महासचिव गुटेरेश ने कहा कि वह इन आरोपों के सामने आने के बाद वित्तीय योगदान रोकने की घोषणा करने वाले देशों की चिन्ताओं को समझते हैं और स्वयं भी क्षुब्ध हैं.

मगर, उन्होंने इन देशों की सरकारों के नाम अपील जारी करते हुए कहा कि UNRWA के कामकाज को जारी रखने की गारंटी दी जानी होगी.

यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने कहा कि कुछ कर्मचारियों के तथाकथित वीभत्स कृत्यों के निश्चित रूप से नतीजे सामने आएंगे, लेकिन यूएन एजेंसी के लिए हजारों लोग काम करते हैं.

इनमें से बड़ी संख्या में कर्मचारी, मानवतावादियों के लिए बेहद ख़तरनाक परिस्थितियों में सेवारत हैं और इसकी सज़ा उन्हें नहीं मिलनी चाहिए. साथ ही, हताश व नाउम्मीद आबादी की गम्भीर आवश्यकताओं का भी ख़याल रखा जाना होगा.

UNRWA ने कहा है कि कुछ व्यक्तियों पर आपराधिक कृत्यों को अंजाम देने के आरोपों की वजह से, युद्ध, विस्थापन और राजनैतिक संकट के समय में यूएन एजेंसी पर प्रतिबन्ध लगाया जाना बेहद ग़ैर-ज़िम्मेदाराना होगा.

इससे पहले, फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन एजेंसी ने 17 जनवरी को संगठन के कामकाज की पूर्ण, स्वतंत्र रूप से समीक्षा कराए जाने की घोषणा की थी. 

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