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यहूदीवाद-विरोध के प्रति शून्य सहिष्णुता, नफ़रत के विरुद्ध एकजुटता दर्शाने पर बल

यहूदीवाद-विरोध के प्रति शून्य सहिष्णुता, नफ़रत के विरुद्ध एकजुटता दर्शाने पर बल

इससे एक ही दिन पहले, यूएन मानवाधिकार कार्यालय ने एक वक्तव्य जारी करके ग़ाज़ा पट्टी में छह इसराइली बंधकों को जान से मार दिए जाने पर गहरा क्षोभ व्यक्त किया था.

ग़ौरतलब है कि 7 अक्टूबर को दक्षिणी इसराइल में हमास व अन्य चरमपंथी गुटों के नेतृत्व में आतंकी हमलों में क़रीब 250 लोगों को बंधक बना लिया गया था.

समाचार माध्यमों के अनुसार, इन छह बंधकों के शवों को इसराइली सैन्य बलों ने पिछले सप्ताहांत मिस्र के साथ लगी सीमा के नज़दीक स्थित एक सुरंग में बरामद किया.

इस ख़बर के बाद, मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने दोषियों की जवाबदेही तक करने के लिए एक स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी जाँच की मांग की है.

नफ़रत में उभार

मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने बुधवार को जिनीवा में इस विषय पर आयोजित एक वर्कशॉप में यह बात कही है. उनके अनुसार, यहूदीवाद-विरोध में हमले और नफ़रत भरी बोली व सन्देशों में वृद्धि हुई है. दक्षिणी इसराइल पर किए गए हमलों के बाद इसमें तेज़ी से उछाल आया है.

उन्होंने कहा कि यहूदीवाद-विरोध में हुए कृत्यों से ऐसे घाव उभर हैं, जिनसे उबर पाना कठिन है, मगर हमें उनसे सबक़ लेने की आवश्यकता है.

वोल्कर टर्क ने बताया कि यूएन चार्टर और मानवाधिकारों पर सार्वभौमिक घोषणापत्र का मूल उद्देश्य नफ़रत और अज्ञान से उबरना है, जिनके कारण हिंसा, विध्वंस व अमानवीयकरण को बढ़ावा मिलता है.

यहूदीवाद-विरोध से मुक़ाबला

मानवाधिकार उच्चायुक्त ने सचेत किया कि पिछले वर्ष अक्टूबर में हमास के नेतृत्व में हुए हमलों के बाद लोगों पर हमले हुए हैं, उनकी ज़िन्दगियों पर ख़तरा है, घरों व धार्मिक इमारतों को ऐसे सन्देशों के ज़रिये विकृत किया गया है, जिनका मक़सद डराना और नफ़रत उकसाना है.

वोल्कर टर्क ने कहा कि यहूदी समुदाय के लिए सोशल मीडिया पर नफ़रत भरी भाषा के इस्तेमाल में उछाल आया है. ग़ैरज़िम्मेदार राजनैतिक नेता भड़काऊ व विषाक्त बयानबाज़ी में लिप्त हैं.

“यह अस्वीकार्य है और हमें एक साथ मिलकर इसके सभी रूपों से मुक़ाबला करना होगा.”

इस क्रम में, उन्होंने ध्यान दिलाया कि देशों और अन्य पक्षों को यहूदीवाद-विरोध से निपटने के लिए क़दम उठाने होंगे, जिसके लिए नफ़रत के उन सभी रूपों की वकालत पर पाबन्दी लगानी होगी, जिनसे हिंसा को बढ़ावा मिलता है. 

मानवाधिकार उच्चायुक्त ने सभी सदस्य देशों से भेदभाव के विरोध में क़ानून तैयार करने और यहूदीवाद-विरोध के प्रति शून्य सहिष्णुता बरते जाने की अपील की है.

उन्होंने कहा कि यहूदीवाद-विरोध केलव यहूदी समुदायों पर प्रहार नहीं है. यह हमारी सामूहिक मानवता पर हमला है, जिससे दरार, भेदभाव और हिंसा को बल मिलता है. इसका उन्मूलन करने की ज़िम्मेदारी, हम सभी की है.

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