हैंस ग्रुंडबर्ग ने बुधवार को सुरक्षा परिषद को इस वर्ष के अपने अन्तिम सम्बोधन में कहा कि वर्ष 2024, मध्य पूर्व क्षेत्र में भारी उथल-पुथल और त्रासदी से चिन्हित है, जहाँ बहुत से लोग हिंसक टकरावों और युद्धों के कारण भारी नुक़सान झेल चुके हैं और इनमें यमन के लोग भी शामिल हैं.
उन्होंने कहा, “लेबनान और सीरिया में पिछले कुछ महीनों के दौरान तेज़ी से बदले घटनाक्रमों के साथ, यह सभी के लिए स्पष्ट होना चाहिए कि मध्य पूर्व को स्थिरता की तत्काल आवश्यकता है. यमन को भी स्थिरता की ज़रूरत है.”
शान्ति का मार्ग
यमन में, सऊदी नेतृत्व वाले गठबन्धन द्वारा समर्थित सरकारी बलों और हूथी विद्रोहियों के दल, एक दशक से अधिक समय से युद्ध में संलिप्त हैं. यमन दुनिया के शीर्ष मानवीय संकटों में से एक है और वहाँ आर्थिक गिरावट गहराती जा रही है.
इसके अलावा, ग़ाज़ा में युद्ध शुरू होने के बाद, हूथी विद्रोही, लाल सागर में चलने वाले वाणिज्यिक जहाज़ों पर गोलीबारी करते रहे हैं और यहाँ तक कि उन्होंने कुछ इसराइली शहरों पर मिसाइल और ड्रोन भी दागे हैं. हूथी विद्रोहियों को अंसार-अल्लाह के नाम से भी जाना जाता है.
हैंस ग्रुंडबर्ग ने याद दिलाया कि यमन ने हाल के वर्षों में अनेक सकारात्मक क़दम उठाए हैं जिनमें 2022 में संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता में युद्धविराम समझौता, युद्ध से सम्बन्धित बन्दियों का दो बार प्रमुख आदान-प्रदान और संयुक्त राष्ट्र के रोडमैप के तहत शान्ति प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए, वर्ष 2024 में सभी पक्षों द्वारा की गई प्रतिबद्धताएँ शामिल हैं.
उन्होंने कहा कि ये कार्य “यह दर्शाते हैं कि संयुक्त राष्ट्र, क्षेत्रीय शक्तियों और अन्तरराष्ट्रीय पक्षों द्वारा कूटनैतिक जुड़ाव, स्थाई शान्ति प्राप्त करने का सबसे प्रभावी मार्ग बना हुआ है.”
‘इन पलों का लाभ उठाएँ’
संयुक्त राष्ट्र के दूत नेव सम्बन्धित पक्षों, क्षेत्र और अन्तरराष्ट्रीय समुदाय के लिए “इन पलों का लाभ उठाने की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर बल दिया, ताकि शान्ति की दिशा में स्पष्ट क़दम उठाने का मौक़ा नहीं चूकें”, अन्यथा यमन के लोगों की पीड़ा जारी रहेगी.
उन्होंने कहा कि युद्ध को समाप्त करना एक ऐसा विकल्प है जो पक्षों की पहुँच में है. “मैं पक्षों से रोडमैप पर मेरे प्रयासों में सक्रिय रूप से शामिल होने का आग्रह करता हूँ, जो युद्धविराम, वेतन के स्थाई भुगतान जैसे आर्थिक उपायों और एक समावेशी राजनैतिक प्रक्रिया की तैयारी करेगा.”
विशेष दूत ने कहा, “मेरा दृढ़ विश्वास है कि यह अब भी सम्भव है. हालाँकि, यदि वे यमनियों की पीड़ा को कम करना चाहते हैं और शान्तिपूर्ण भविष्य की आशा को बहाल करना चाहते हैं, तो त्वरित कार्रवाई किया जाना अनिवार्य है.”
लाल सागर पर हमलों के साथ-साथ, लोगों को हिरासत में लिए जाने की घटनाएँ जारी हैं
विशेष दूत हैंस ग्रुंडबर्ग ने संयुक्त राष्ट्र के कर्मचारियों और अन्य मानवीय, नागरिक समाज, राजनयिक और निजी क्षेत्र के कर्मियों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई के लिए अपना आहवान भी दोहराया, जिन्हें पिछले छह महीनों से हूथी विद्रोहियों ने मनमाने ढंग से अपनी हिरासत में रखा है.
उन्होंने कहा कि लाल सागर में हूथी विद्रोहियों की गतिविधियाँ और इसराइल पर हमले जारी हैं और अमेरिका तथा ब्रिटेन भी इसके जवाब में हवाई हमले जारी रखे हुए हैं.
उन्होंने कहा, “साल भर से जारी इन घटनाक्रमों ने मेरे मध्यस्थता प्रयासों के लिए जगह कम कर दी है.”
“मैं यमन में टकराव को हल करने की ख़ातिर अनुकूल वातावरण बनाने के लिए आवश्यक क़दम उठाने के लिए सभी सम्बन्धित लोगों को प्रोत्साहित करूंगा. ऐसा नहीं किए जाने पर केवल उन लोगों को प्रोत्साहन मिलेगा जो युद्ध की वापसी का आहवान करते हैं.”