यमन में लगभग पिछले एक दशक से सऊदी नेतृत्व में गठबंधन द्वारा समर्थित सरकारी सैन्य बलों और हूती विद्रोहियों के बीच लड़ाई जारी है. हूती लड़ाकों का देश के अधिकाँश हिस्से पर नियंत्रण है.
यमन में युद्ध के कारण 1.82 करोड़ लोगों को जीवनरक्षक सहायता व संरक्षण की आवश्यकता है और 1.76 करोड़ अचानक खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं.
वर्ष 2024 के लिए मानवीय सहायता कार्रवाई योजना के लिए देश में विभिन्न हितधारकों से बात की गई, जिनमें स्थानीय लोग, प्रशासन व संस्थान, राहतकर्मी और विकास साझेदार शामिल हैं.
एक अहम पड़ाव
यमन के लिए अन्तरिम मानवतावादी समन्वयक पीटर हॉकिन्स ने कहा कि यमन एक अहम पड़ाव पर है, और उसके पास ज़रूरतों के कारकों से निपटने के लिए एक निर्णायक क़दम उठाने का अवसर है, ताकि मानवीय संकट से दूर हटा जा सके.
पिछले साल अक्टूबर महीने में, ग़ाज़ा में युद्ध की शुरुआत के बाद से हूती लड़ाकों ने लाल सागर क्षेत्र में वाणिज्यिक जहाज़ों पर हमले किए हैं, जिससे वैश्विक व्यापार पर असर हुआ है और भूराजनैतिक तनाव उपजा है.
इन हमलों के बाद, अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य देशों ने जवाब में कार्रवाई की है.
मानवीय सहायता योजना
यमन में युद्ध से प्रभावित लोगों के लिए आजीविका, बुनियादी सेवाओं और आर्थिक समर्थन प्रदान करने के लिए इस योजना में विकास साझेदारों के साथ सहयोग पर बल दिया गया है ताकि दीर्घकालिक समाधानों को बढ़ावा दिया जा सके.
पीटर हॉकिन्स ने कहा कि हमें यमन के लोगों से मुँह नहीं फेरना होगा, और इसके लिए यह ज़रूरी है कि दानदाताओं द्वारा जीवन रक्षा के लिए निरन्तर, तत्काल समर्थन प्रदान किया जाए.
यूएन मानवतावादियों ने बताया कि कई वर्षों के निरन्तर समर्थन के बाद, यमन में बाल मृत्यु दर में, 2023 के दौरान कुछ बेहतरी नज़र आई है.
मगर, कुपोषण मामलों की दर में उछाल दर्ज किया गया है. पाँच वर्ष से कम आयु के लगभग 50 फ़ीसदी बच्चों में मामूली से गम्भीर नाटापन देखने को मिल रहा है और ख़राब पोषण के कारण उनका पर्याप्त विकास नहीं हो पा रहा है.
1.24 करोड़ लोगों के पास पीने के लिए साफ़ पेयजल नहीं है, संक्रामक बीमारियों का ख़तरा बढ़ रहा है और स्कूल जाने की आयु वाले 45 लाख बच्चे कक्षाओं से बाहर हैं.
यमन में फ़िलहाल 45 लाख लोगों के विस्थापित होने का अनुमान है, जिनमें से एक-तिहाई एक से अधिक बार अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर हुए हैं.
ताइज़ में मानवतावादी केन्द्र
इस बीच, अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) ने दक्षिणी यमन के ताइज़ गवर्नरेट में एक मानवतावादी केन्द्र (hub) स्थापित किया है, ताकि निर्बल समुदायों को अहम सेवाएँ व समर्थन प्रदान किया जा सके.
यह क्षेत्र जल संकट, ध्वस्त स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली, मानवीय सहायता की सीमित सुलभता समेत अन्य गम्भीर चुनौतियों से जूझ रहा है.
यूएन प्रवासन एजेंसी यहाँ पर पिछले तीन वर्षों से अधिक समय से विस्थापित समुदायों को अहम सेवाएँ प्रदान कर रही हैं, और 13 स्थानों पर 10 हज़ार लोगों को मदद पहुँचाई जा रही है.
इस हब के ज़रिये, मानवतावादी साझेदार संगठनों को अभियान संचालन के लिए एक स्थल मुहैया कराया जा सकेगा.
साथ ही, ताइज़ में स्थानीय समुदायों की तात्कालिक ज़रूरतों को पूरा करने और उनके जीवन को फिर से पटरी पर लाने में भी मदद मिलेगी.
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