म्याँमार में यूएन मानवतावादी कार्यालय (OCHA) के अनुसार, इस आपदा में मैंडाले, नेपीटॉ, मैगवे, बागो, शन और सगाइंग इलाक़े प्रभावित हुए हैं. रिक्टर पैमाने पर भूकम्प की तीव्रता क्रमश: 7.7 व 6.4 आंकी गई है.
भूकम्प की वजह से स्वास्थ्य देखभाल तंत्र को भी क्षति पहुँची है. देश के दूसरे सबसे बड़े शहर मैंडाले में इंटरनैट व्यवस्था, फ़ोन लाइन और सड़क व वायु मार्ग में व्यवधान आया है.
विशाल स्वास्थ्य ज़रूरतों से निपटने के लिए यूएन के साझेदार संगठन चिकित्सा दलों की तैनाती की तैयारियों में जुटे हैं, ताकि भूकम्प पीड़ितों को जल्द से जल्द स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान की जा सकें.
समाचार माध्यमों के अनुसार, कई ध्वस्त इमारतों के मलबे में सैकड़ों लोग दबे हुए हैं. मैंडाले की एक इमारत के दरक जाने से मलबे में 90 से अधिक लोगों के फँसे होने की ख़बर है.
थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में भी भूकम्प के झटके महसूस किए गए थे और एक इमारत ध्वस्त हो गई थी, जिसके निर्माण कार्य में जुटे 50 श्रमिक लापता बताए गए हैं. 1,690 घरों, 670 मठों, 60 स्कूलों और तीन पुलों को नुक़सान पहुँचा है और बाँध की सुरक्षा पर भी जोखिम उत्पन्न हो गया है.
फ़रवरी 2021 में हुए सैन्य तख़्तापलट के विरोध में प्रदर्शनों का सख़्ती से दमन किए जाने के बाद से ही म्याँमार एक बर्बर गृहयुद्ध से जूझ रहा है. भूकम्प से हुई तबाही के मद्देनज़र, सैन्य नेतृत्व ने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से आपात सहायता की अपील की है.
इस बीच, सैन्य नेतृत्व के विरोधी लड़ाकों ने दावा किया है कि भूकम्प के बाद भी कुछ इलाक़ों में हवाई हमले किए गए है.
सहायता प्रयासों में तेज़ी
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) अपनी आपात मेडिकल टीम को म्याँमार के लिए रवाना करने पर विचार कर रहा है. फ़िलहाल, प्रभावित इलाक़ों में मेडिकल सामग्री की क़िल्लत बताई गई है.
वहीं, संयुक्त राष्ट्र बाल कोष ने आगाह किया है कि भूकम्प की वजह से बच्चों के लिए हालात और मुश्किल हो सकते हैं, जोकि पहले से ही एक बड़े मानवीय संकट की चपेट में हैं.
यूनीसेफ़ ने कहा कि घरों और महत्वपूर्ण बुनियादी प्रतिष्ठानों को क्षति पहुँची है और तत्काल मदद की आवश्यकता है. संगठन ने ज़रूरतमन्द परिवारों की मदद के लिए टैंट, तिरपाल, स्वच्छता किट और अन्य स्वास्थ्य सामग्री की आपूर्ति रवाना की है.
इससे पहले, यूएन अवर महासचिव टॉम फ़्लैचर ने केन्द्रीय आपात राहत निधि से म्याँमार में राहत प्रयासों के लिए 50 लाख डॉलर की धनराशि आवंटित किए जाने की घोषणा की थी.
परियोजना सेवाओं के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (UNOPS) ने भी आपात सहायता अभियान के लिए एक करोड़ डॉलर की रक़म जारी करने की बात कही है.
