उद्योग/व्यापार

मैन्युफैक्चरिंग फंड्स में बढ़ रही दिलचस्पी, क्या है यह फंड, क्या आपको इस फंड में निवेश करना चाहिए?

हाल में किसी ने मुझसे एचडीएफसी मैन्युफैक्चरिंग फंड के बारे में पूछा, जो अभी निवेश के लिए खुला हुआ है। इससे मुझे 2022 के एक इनवेस्टमेंट कॉन्फ्रेंस की याद ताजा हो गई। तब कोटक म्यूचुअल फंड के मैनेजर पंकज टिबरेवाल ने इंडिया में मैन्युफैक्चरिंग की संभावनाओं के बारे में बताया था। उन्होंने खासकर गुजरात का जिक्र किया था। उन्होंने यूरो प्लस बैटरीज और बाद में गुजरात के मोरबी में टाइल मैन्युफैक्चरिंग का उदाहरण दिया था। तीन साल पहले उनका कुल एक्सपोर्ट्स 5,000 करोड़ रुपये का था। उन्होंने इसके 2022 तक 18,000 करोड़ रुपये पार कर जाने का अनुमान जताया था। उनकी टैगलाइन थी-कॉस्ट में चीन से सस्ती और क्वालिटी में इटली से बेहतर।

मैन्युफैक्चरिंग पर सरकार का फोकस

श्री सिटी में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग कलस्टर (EMC) उन कंपनियों के लिए एक्सक्लूसिव जोन है, जो इलेक्ट्रॉनिक आरएंडडी, डिजाइन, मैन्युफैक्चरिंग और एसेंबली ऑपरेशंस से जुड़ी हैं। हाल में फॉर्ब्स के एक आर्टिकल में बताया गया है कि Foxconn, Pegatron और टाटा की Wistron के साथ Apple के कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग के समझोते से इंडिया से आईफोन का एक्सपोर्ट 2022-23 के 6.27 अरब डॉलर से बढ़कर 2023-24 में 12.1 अरब डॉलर हो गया।

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का दायरा बड़ा

इन वजहों से निवेशक मैन्युफैक्चरिंग स्टॉक्स को लेकर उत्साहित हैं। एसेट मैनेजमेंट कंपनियां इसे देख मैन्युफैक्चरिंग फंड लॉन्च कर रही हैं। मैन्युफैक्चरिंग के तहत कई इंडस्ट्रीज आती हैं। इनमें टेक्सटाइल्स, डायमंड, ऑटो एंसिलियरीज, इंजीनियरिंग, स्पेशियलिटी केमिकल्स, फार्मास्युटिकल्स, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, कैपिटल गुड्स आदि शामिल है। चूंकि इस थीम में कई सेक्टर और सब-सेक्टर शामिल हैं, जिससे इसे पूरी तरह से समझना जरूरी है।

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के अंदर सब-सेक्टर

कुछ इनवेस्टर्स मैन्युफैक्चरिंग स्टॉक्स खरीदना चाहते हैं जबकि कुछ इनडायरेक्ट इनमें निवेश करना चाहते हैं। मुझे एक इनवेस्टर्स याद आ रहे हैं, जिन्होंने कहा था कि वह मैन्युफैक्चरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर दांव लगाना चाहते हैं। इसके तहत ऐसी कंपनियां आती हैं जो मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराती हैं। कम्प्रेशर इसका एक उदाहरण है। इसका इस्तेमाल कई इंडस्ट्री की फैक्ट्री में होता है।

मैन्युफैक्चरिंग फंडों का पोर्टफोलियो

केनरा रोबेको मैन्युफैक्चरिंग ने इंडिस्ट्रिल स्टॉक्स में 38.87 फीसदी निवेश किया है। ICICI Prudential Manufacturing ने 24.76 फीसदी निवेश किया है। ICICI Prudential Manufacturing, Axis India Manufacturing, Kotak Manufacture in India और Canara Robeco Manufacturing का फाइनेंशियल सर्विसेज में कोई निवेश नहीं है। लेकिन, क्वांट मैन्युफैक्चरिंग फंड का 8.52 फीसदी निवेश है।

सबसे पुराने ट्रैक रिकॉर्ड वाला मैन्युफैक्चरिंग फंड

आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल मैन्युफैक्चरिंग का ट्रैक रिकॉर्ड सबसे लंबा है। इसका पिछले पांच साल में रिटर्न 3.23 से 48.55 फीसदी के बीच रहा है। यह किसी दूसरे थिमैटिक फंड के रिटर्न जितना है। 2007 में एनर्जी फंडों का प्रदर्शन बहुत अच्छा था। इस कैटेगरी का रिटर्न 105 फीसदी था। अगले साल ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस और कैटेगरी का एवरेज रिटर्न गिरकर 53 फीसदी रह गया। 2009 में इनका रिटर्न फिर बढ़ा। 2010, 2011 और 2013 में इनका रिटर्न कमजोर रहा। 2014 में इस कैटेगरी ने दमदार प्रदर्शन किया। इसका रिटर्न 47 फीसदी रहा।

आपको क्या करना चाहिए?

यह याद रखें कि डायवर्सिफायड इक्विटी फंड्स में भी मैन्युफैक्चरिंग स्टॉक्स शामिल होते हैं। इसलिए अगर आपका पोर्टफोलियो पहले से पूरी तरह से डायवर्सिफायड है तो आपको ऐसे फंड (मैन्युफैक्चरिंग फंड) में निवेश करने से बचना चाहिए। अगर आपकी दिलचस्पी ऐसे फंड में निवेश करने की है तो आपको अपने पोर्टफोलियो का सिर्फ एक हिस्सा निवेश करना चाहिए। उपर के सभी डाटा मॉर्निंगस्टार डॉट इन से लिए गए हैं।

लैरिसा फर्नांड

(लेखक पर्सनल फाइनेंस और इनवेस्टमेंट के बारे में लिखती हैं।)

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