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मुंबई में उर्दू केंद्र के निर्माण को लेकर भाजपा और शिवसेना आमने-सामने

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आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए विधायक यामिनी जाधव ने कहा, “मेरे निर्वाचन क्षेत्र में पहले से ही एक आईटीआई है। हम जो निर्माण कर रहे हैं वह एक उर्दू स्कूल नहीं बल्कि एक केंद्र है। यह देश में किसी भी अन्य की तरह एक है और इसे किसी विशेष धर्म से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। मेरे निर्वाचन क्षेत्र के लोगों ने ऐसे केंद्र की मांग की थी और उसी के आधार पर मैंने इसका प्रस्ताव रखा था” जाधव के स्पष्टीकरण के बाद, कौशल विकास मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने कहा कि इस मुद्दे को तूल नहीं दिया जाना चाहिए, क्योंकि मुख्य सचिव ने पहले ही अदालती आदेश के बाद निर्माण पर रोक लगा दी है।

दक्षिण मुंबई के अग्रीपाड़ा इलाके में उर्दू शिक्षण केंद्र के निर्माण को लेकर मंगलवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और शिवसेना के विधायक अलग-अलग सुर में बोलते दिखे।
भाजपा विधायक मिहिर कोटेचा ने विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए उर्दू शिक्षण केंद्र का मुद्दा उठाया और पिछली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार पर तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया।
कोटेचा ने आईटीआई के निर्माण की मांग करते हुए कहा, “शिवसेना यूटीबी के नेतृत्व वाली पिछली सरकार को हर जगह हरियाली नजर आने लगी थी और विशेष अल्पसंख्यक समुदाय के तुष्टीकरण की कोशिश के तहत उसने बृह्नमुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) को पहले से तय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) के बजाय केंद्र के निर्माण के लिए मजबूर किया।”

कैबिनेट मंत्री उदय सामंत ने कहा कि फैसले को पहले ही बंबई उच्च न्यायालय में चुनौती दी जा चुकी है और मुख्य सचिव के आदेशानुसार काम रोक दिया गया है।
हालांकि, भाजपा विधायक इस मुद्दे को उठाते रहे। उन्होंने दावा किया कि पिछली सरकार तुष्टीकरण की राजनीति में लगी हुई थी।
समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक रईस शेख ने बताया कि शिवसेना की विधायक यामिनी जाधव ने सबसे पहले उर्दू शिक्षण केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव रखा था। उन्होंने कहा कि योजना को आगे बढ़ाते समय हर प्रक्रिया का पालन किया गया था।
भाजपा विधायक नीतीश राणे ने मांग की कि केंद्र के लिए जमीन को मंजूरी देने वाले अधिकारियों को निलंबित किया जाए।
उन्होंने यह दावा भी किया कि अग्रीपाड़ा क्षेत्र में पहले से ही उर्दू स्कूल थे, जिनमें छात्र नहीं जाते थे।

आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए विधायक यामिनी जाधव ने कहा, “मेरे निर्वाचन क्षेत्र में पहले से ही एक आईटीआई है। हम जो निर्माण कर रहे हैं वह एक उर्दू स्कूल नहीं बल्कि एक केंद्र है। यह देश में किसी भी अन्य की तरह एक है और इसे किसी विशेष धर्म से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। मेरे निर्वाचन क्षेत्र के लोगों ने ऐसे केंद्र की मांग की थी और उसी के आधार पर मैंने इसका प्रस्ताव रखा था”
जाधव के स्पष्टीकरण के बाद, कौशल विकास मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने कहा कि इस मुद्दे को तूल नहीं दिया जाना चाहिए, क्योंकि मुख्य सचिव ने पहले ही अदालती आदेश के बाद निर्माण पर रोक लगा दी है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।



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