यह कथित जनसंहार 26 जनवरी को माली के मध्यवर्ती इलाक़े नारा के वेलिंगारा गाँव में हुआ.
सप्ताहान्त के दौरान, बान्दीगारा क्षेत्र में भी, अज्ञात बन्दूकधारियों ने कथित तौर पर लगभग 30 नागरिकों की हत्या कर दी.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त ने वोल्कर टर्क ने, इन आरोपों की निष्पक्ष जाँच की अपनी पुकार में, अन्तरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार न्याय सुनिश्चित किए जाने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया.
‘एजेंट और सहयोगी’
वोल्कर टर्क ने माली के अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया कि उनके सैनिक, “उनके एजेंट या सहयोगी” – मानवाधिकार क़ानून और अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून का पालन करें, विशेष रूप से नागरिकों की सुरक्षा के सम्बन्ध में.
मार्च 2022 में मौरा गाँव में 500 से अधिक लोगों के जनसंहार के आरोपों के संबंध में, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय -OHCHR की एक तथ्य-खोजी रिपोर्ट मई 2023 में जारी की गई थी.
उस रिपोर्ट में उन गवाहों का आलेखन किया गया था जिन्होंने कुछ ऐसे “सशस्त्र श्वेत पुरुषों” के बारे में बताया था जो, लड़ाई में माली के सैनिकों का साथ दे रहे थे.
यह रिपोर्ट एक साल पहले संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र अधिकार विशेषज्ञों द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद आई है कि इसमें रूस स्थित, भाड़े के सैनिकों का समूह वैगनर शामिल था.
उन आरोपों में माली में सैन्य ठेकेदारों की गतिविधियों के सम्बन्ध में “आतंक और दंड मुक्ति के माहौल” का वर्णन किया गया था.
यूएन मानवाधिकार कार्यालय ने पहले हो चुकीं दो अन्य घटनाओं की पुष्टि की है जिनमें सितम्बर और अक्टूबर 2023 में माली के सशस्त्र बलों और “सहयोगी विदेशी सैन्य कर्मियों” द्वारा कम से कम, 31 नागरिकों की कथित हत्याएँ शामिल थीं.
सितम्बर 2023 में की गई हत्याओं में, सेगौ क्षेत्र के नदौपा में, 14 चरवाहों को कथित तौर पर मार डाला गया था, जबकि 5 अक्टूबर को, गाओ क्षेत्र के एरसेन गाँव में, 17 नागरिकों की कथित तौर पर हत्या कर दी थी.
मानवाधिकार कार्यालय ने कहा कि इन घटनाओं की कोई आधिकारिक जाँच कराए जाने की ख़बरें नहीं हैं.