वरुण वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में सुलतानपुर से सांसद चुने गये थे। मगर 2019 में उन्हें उनकी मां मेनका गांधी की जगह पीलीभीत से टिकट दिया गया था, जबकि मेनका को सुलतानपुर से मैदान में उतारा गया था। इन दोनों ने ही अपनी—अपनी सीटों पर जीत दर्ज की थी।
भाजपा नेता वरुण गांधी ने गुरुवार को अपनी मां और सुल्तानपुर निर्वाचन क्षेत्र से भगवा पार्टी की उम्मीदवार मेनका गांधी के लिए चुनाव प्रचार किया, जहां 25 मई को लोकसभा चुनाव के छठे चरण में मतदान होगा। उन्होंने कहा कि देश में एक ऐसा संसदीय क्षेत्र है जहां के लोग अपने सांसद को ‘सांसद’ नहीं बल्कि ‘मां’ कहकर बुलाते हैं…मैं यहां सिर्फ अपनी मां के लिए नहीं बल्कि सुल्तानपुर की मां के लिए समर्थन जुटाने आया हूं। अमेठी के बगल में, सुल्तानपुर लोकसभा सीट महत्वपूर्ण है क्योंकि भाजपा के गांधी उम्मीदवार का समाजवादी पार्टी के प्रतिद्वंद्वी राम भुआल निषाद और बसपा उम्मीदवार उदराज वर्मा के साथ कड़ा मुकाबला है।
वरुण वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में सुलतानपुर से सांसद चुने गये थे। मगर 2019 में उन्हें उनकी मां मेनका गांधी की जगह पीलीभीत से टिकट दिया गया था, जबकि मेनका को सुलतानपुर से मैदान में उतारा गया था। इन दोनों ने ही अपनी—अपनी सीटों पर जीत दर्ज की थी। सुलतानपुर में लोकसभा चुनाव के छठे चरण में 25 मई को मतदान होना है। इससे पहले वह करीब 14,000 वोटों के अंतर से जीती थीं। इस बार बीजेपी उम्मीदवार अच्छे अंतर से जीत दर्ज करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। बीजेपी के शीर्ष नेताओं में सिर्फ यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने ही उनके लिए सुल्तानपुर में प्रचार किया है।
आदित्यनाथ ने बुधवार को काजीपुर में उनके पक्ष में एक सभा को संबोधित किया था। मेनका के बेटे एवं पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी को इस बार भाजपा ने टिकट नहीं दिया। वरुण ने बृहस्पतिवार को चुनाव प्रचार के आखिरी दिन अपनी मां के समर्थन में चुनावी सभाओं को संबोधित किया। मेनका के खिलाफ न तो उनके भतीजे राहुल गांधी और न ही भतीजी प्रियंका गांधी वाद्रा प्रचार करने आये। मेनका गांधी का कहना है कि उनके निर्वाचन क्षेत्र में न तो राम मंदिर कोई चुनावी मुद्दा है और न ही वरुण गांधी का टिकट कटना कोई मुद्दा है। उन्होंने कहा कि उनके निर्वाचन क्षेत्र के लोग अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण से खुश हैं लेकिन ‘‘यहां के चुनावों में यह कोई मुद्दा नहीं है।’’
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