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‘मनमोहन ने 11 राज्य सरकारों को किया बर्खास्त, जबकि मोदी ने…’, पूर्व CEA सुब्रमण्यम का रघुराम राजन पर पलटवार

‘मनमोहन ने 11 राज्य सरकारों को किया बर्खास्त, जबकि मोदी ने…’, पूर्व CEA सुब्रमण्यम का रघुराम राजन पर पलटवार

पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने इस आरोप को खारिज कर दिया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तहत भारत में लोकतंत्र खत्म हो रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में एक भी राज्य सरकार को बर्खास्त नहीं किया गया, जबकि उनके पूर्ववर्ती डॉ. मनमोहन सिंह ने 11 राज्य सरकारों को बर्खास्त कर दिया था। बता दें कि मनमोहन सिंह 2004 से 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे। सुब्रमण्यम ने 2018 से 2021 तक CEA के रूप में कार्य किया। नॉर्थवेस्टर्न के केलॉग बिजनेस स्कूल में पूर्व RBI गवर्नर रघुराम राजन के साथ एक पैनल चर्चा के दौरान उन्होंने ये बातें कही।

चर्चा के दौरान पूर्व CEA ने संपूर्ण लोकतंत्र और अर्थव्यवस्था बहस पर डेटा शेयर किया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि पीएम मोदी के तहत ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में भारत की रैंकिंग में सुधार हुआ है।

मोदी सरकार का दिया लेखा-जोखा

सुब्रमण्यन ने कहा, “2016 में 450 स्टार्ट-अप थे। अब 100,000 स्टार्ट-अप हैं। दूसरे शब्दों में स्टार्ट-अप 220% की CAGR से बढ़े हैं।” उन्होंने कहा कि 2004 से 2014 तक पिछले 10 वर्षों में जब मीडिया के अनुसार लोकतंत्र प्रमुख आकार में था, स्टार्ट-अप 3.8% की दर से बढ़ रहे थे। सुब्रमण्यन ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि स्टार्टअप अर्थव्यवस्था की जीवंतता का एक बहुत महत्वपूर्ण संकेत हैं, क्योंकि वे रचनात्मक विनाश को दर्शाते हैं।

रघुराम राजन का जवाब

रघुराम राजन ने कहा, “आप यह कहकर बच नहीं सकते कि आज भारत में लोकतंत्र मजबूत है।” उन्होंने कहा कि बाहर लोकतंत्र का हर एक सूचकांक लोकतंत्र में गिरावट को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार को आलोचना पसंद नहीं है। राजन नेकहा, “यह एक ऐसी सरकार है जो लोगों को विकल्प देती है…हमारे साथ जुड़ें या जेल जाएं।”

सुब्रमण्यम का पलटवार

इस पर सुब्रमण्यम ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के साथ भी मिलकर काम किया है। उन्हें ऐसी चीजें बताई हैं जिनमें उन्हें सुधार करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई मौका नहीं आया जब उनसे सरकार के बारे में सकारात्मक बातें कहने के लिए कहा गया हो।

सुब्रमण्यम ने कहा, “किसी भी रुख पर मुझे यह नहीं कहा गया कि जाओ और कुछ भी कहो। मैं उन नीतियों में दृढ़ता से विश्वास करता हूं जो यह सरकार करती है। मैं जिस तरह की पृष्ठभूमि से आता हूं, अगर मैं सरकार में नहीं रहता हूं, तो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। लेकिन मैं जाता हूं और अपने विश्वास के आधार पर चीजें कहता हूं।”

धार्मिक स्वतंत्रता पर बहस

पूर्व CIA ने धार्मिक स्वतंत्रता की बहस का जिक्र किया और कहा कि प्यू रिसर्च सेंटर ने एक सर्वे किया जिसमें 90% अल्पसंख्यकों ने कहा कि वे धर्म का पालन करने के लिए बिल्कुल स्वतंत्र हैं। इसके बाद उन्होंने लोकतंत्र की बहस की ओर रुख किया और बताया कि कितनी बार कांग्रेस सरकारों के पूर्व प्रधानमंत्रियों ने राज्य सरकारों को हटाया था।

उन्होंने कहा, “आइए आर्टिकल 356 के तहत केंद्र सरकार द्वारा बर्खास्त की गई सरकारों के आंकड़ों पर नजर डालें। जवाहरलाल नेहरू ने 7 राज्य सरकारों को बर्खास्त कर दिया। इंदिरा गांधी ने 49 राज्य सरकारों को बर्खास्त कर दिया। राजीव गांधी ने 60 सरकारों को बर्खास्त कर दिया। नरसिम्हा राव ने 11 राज्य सरकारों को बर्खास्त कर दिया।”

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पिछले साल फरवरी में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि केंद्र में कांग्रेस ने “90 मौकों” पर निर्वाचित राज्य सरकारों को बर्खास्त कर दिया था। इसमें अकेले इंदिरा गांधी ने आर्टिकल 356 का “50 बार” इस्तेमाल किया था।

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