कोलगेट, बाटा और मारुति जैसे कई फेमस ब्रांडों ने खुद को भारतीय बाजार में सबसे ज्यादा बिकने वाले प्रोडक्ट के तौर पर अपने आप को स्थापित किया है। आज के समय में यह नाम देश के बड़े शहरों से लेकर गांव तक में फेमस हैं। ये प्रोडक्ट अपना क्वालिटी के लि भी फेमस हैं। आपको ये जानकर हैरानी होगी भारत की आम बोलचाल की भाषा में रचे—से ये नाम दरअसल भारतीय ब्रांड नहीं है।
कोलगेट-पामोलिव (इंडिया) (CPIL) भारत की सबसे बड़ी ओरल केयर कंपनी है, जो टूथपेस्ट केटेगरी में 50% से अधिक बाजार हिस्सेदारी का दावा करती है। हालांकि, कोलगेट की जड़ें विलियम कोलगेट से मिलती हैं, जो एक इंगलिश इमिग्रेंट थे। उन्होंने 1806 में न्यूयॉर्क में स्टार्च, साबुन और मोमबत्ती की फैक्ट्री स्थापित की थी। कंपनी ने शुरू में साबुन केक पर ध्यान केंद्रित किया था, लेकिन 1873 में सैमुअल कोलगेट के समय टूथपेस्ट के कारोबार में आए। विलियम के बेटे ने पहला कोलगेट टूथपेस्ट शुरू किया।
बाद में ब्रांड का पामोलिव के साथ विलय हो गया, जिसके परिणामस्वरूप कोलगेट-पामोलिव बना। 1937 में कोलगेट-पामोलिव (इंडिया) लिमिटेड की स्थापना भारत में हुई थी। तब से लोग टूथपेस्ट की जगह कोलगेट किया, जैसे वाक्यों का इस्तेमाल करने लगे। ये ओरल केयर का अहम हिस्सा बन गया। कंपनी ने 1983 में अपना पहला सफल प्रोडक्ट कोलगेट प्लस टूथब्रश शुरू
बाटा जो अपने फुटवियर के लिए जाना जाता है, इसका इतिहास चेकोस्लोवाकिया जिसे लोग आज चेक गणराज्य के तौर पर जानते हैं, उससे जुड़ा है। चेक मोची टॉमस बाटा ने अपने भाई एंटोनिन और बहन अन्ना के साथ 1894 में बाटा की स्थापना की। 70 से अधिक देशों में 150 मिलियन जोड़ी जूतों की सालाना सेल के साथ कंपनी दुनिया की बड़ी जूता बनाने वाली कंपनियों की लिस्ट में शामिल है। बाटा ने 1931 में भारत में एंटर किया और देश के फुटवियर इंडस्ट्री का अभिन्न हिस्सा बन गया। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान डिमांड में बढ़ोतरी के साथ इसकी सेल बढ़ती गई।
भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग में एक प्रमुख खिलाड़ी मारुति सुजुकी, जापान की सुजुकी और मारुति उद्योग लिमिटेड के बीच एक ज्वाइंट वेंचर है। ज्वाइंट वेंचर 1982 में बनाया गया था, जिसमें सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन के पास 54.2% की बहुमत हिस्सेदारी थी। जबकि मारुति सुजुकी भारत में सबसे अधिक डिमांड वाली पारिवारिक कारों में से कुछ का निर्माण करती है, इसकी ओनरशीप जापान की सुजुकी मोटर के पास है।