विश्व

भारत: उत्थान परियोजना के ज़रिए बेटियों का सशक्तिकरण | TARA JADHAV

भारत: उत्थान परियोजना के ज़रिए बेटियों का सशक्तिकरण | TARA JADHAV

तारा जाधव उत्साहित होकर बताती हैं, “मेरे बच्चों को छात्रवृत्ति मिली और वे अब पढ़ाई कर सकते हैं क्योंकि हमने eSHRAM के लिए नामांकन किया और उत्थान परियोजना के तहत अपने आधार कार्ड को लिंक करके, प्री-मैट्रिक शैक्षिक छात्रवृत्ति के लिए नामांकन कर सके.

परियोजना संचालक ने आवेदन पत्र भरने में उनकी मदद की.

“संचालक ने समझाया कि ये योजनाएँ किस तरह हमारे और हमारे परिवार के सदस्यों के लिए उपयोगी साबित होंगी. उन्होंने मेरी बेटियों को शिक्षित करने के बारे में मेरा मार्गदर्शन भी किया कि शिक्षा से उनको जीवन में किस तरह बेहतर विकल्प प्राप्त हो सकते हैं.”

तारा जाधव, शादी होने के बाद से ही मुम्बई में रहकर सफ़ाई साथी के रूप में काम कर रही हैं.

तारा ने बताया कि सबसे पहले उनकी सास ने उन्हें इस कामकाज के लिए प्रोत्साहित किया था, “मेरी सास ने मुझे सलाह दी कि कभी भी डरपोक मत बनो और अपने काम के प्रति समर्पित रहो, चाहे कितनी भी कठिनाई क्यों न आए.”

तारा को उम्मीद है कि यही ज्ञान उन्होंने अपनी चार बेटियों को भी दिया है, जिससे शायद उन्हें स्कूल में कड़ी मेहनत करने का प्रोत्साहन मिलेगा. 

तारा जाधव अब अन्य सफ़ाई साथियों को भी यूएनडीपी की उत्थान परियोजना के तहत दी जाने वाली विभिन्न सामाजिक कल्याण योजनाओं के लिए आवेदन करने हेतु प्रोत्साहित करती हैं.

उनकी तीन बेटियाँ, स्थानीय हाई स्कूल में पढ़ती हैं, जबकि उनकी सबसे बड़ी बेटी सीनियर कॉलेज में है और इंजीनियरिंग क्षेत्र में प्रवेश परीक्षा के लिए पढ़ रही है.

उनकी छोटी बेटियों को हाल ही में प्री-मैट्रिक शैक्षिक छात्रवृत्ति से सम्मानित किया गया, जिससे उन्हें एक शैक्षणिक वर्ष के लिए स्कूल शुल्क, किताबें और वर्दी प्राप्त होंगे. 

“यह वास्तव में मेरे बच्चों के लिए और मेहनत से पढ़ाई करने के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन है. इसके अलावा, छात्रवृत्तियाँ मिलने के कारण, अब अपनी बचत को अपने बच्चों के जीवन के अन्य पहलुओं में निवेश कर सकेंगे.”

बच्चों को करियर मार्गदर्शन भी प्रदान किया गया, जिससे उन्हें अपने दृष्टिकोण के विस्तार का अवसर मिला.

तारा जाधव की एक बेटी मार्शल आर्ट में भी प्रशिक्षण ले रही है और राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) की कैडेट है, “जब मैंने उसे उसकी एनसीसी वर्दी में देखा तो मैं गर्व और प्रसन्नता से अभिभूत हो गई.”

“मैं चाहती हूँ कि वे अपने सभी सपने पूरा करें, और इसके लिए मैं क्षमतामुसार जो भी सम्भव होगा, वो करुंगी.”

वो अब अन्य सफ़ाई साथियों को, उत्थान परियोजना के तहत विभिन्न सामाजिक कल्याण योजनाओं में आवेदन के लिए प्रोत्साहित करती हैं.

“मैं उन्हें हमेशा अपना व्यक्तिगत अनुभव बताती हूँ, और अगर इससे किसी सफ़ाई साथी को प्रोत्साहन मिलता है, तो मुझे बहुत सन्तुष्टि मिलती है. सबकी मदद करना मेरी बेटियों ने मुझे सिखाया है.”

Source link

Most Popular

To Top