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बुरकिना फ़ासो में जघन्य आतंकी हमले की कठोर निन्दा

बुरकिना फ़ासो में जघन्य आतंकी हमले की कठोर निन्दा

समाचार माध्यमों के अनुसार, अल-क़ायदा से जुड़े चरमपंथी गुट, जमात नुसरत अल-इस्लाम वल मुसलिमिन (JNIM) द्वारा किए जाने वाले आतंकी हमलों की कड़ी में यह नवीनतम घटना है.

यह गुट बुरकिना फ़ासो के उत्तरी इलाक़े में सक्रिय है, जहाँ उसने पिछले कुछ वर्षों में बड़े पैमाने पर अपना नियंत्रण स्थापित किया है.

JNIM उन हथियारबन्द गुटों में है, जिन्होंने पड़ोसी देश माली से बुरकिना फ़ासो का रुख़ किया है. इन गतिविधियों से एक बड़ा सुरक्षा संकट उपजा है और 2022 के बाद से अब तक दो बार सैन्य तख़्तापलट हो चुका है.

बताया गया है कि घायलों को पड़ोसी शहर काया के स्वास्थ्य देखभाल केन्द्रों के लिए रवाना किया गया है.

शनिवार को यह हमला तब हुआ जब बुरकिनाबे के निवासी ऐसी ही किसी घटना से बचने के लिए कथित रूप से खाई खोदने व अन्य तैयारियों में जुटे थे.

यूएन प्रमुख के प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने मंगलवार को पत्रकारों को जानकारी देते हुए कहा कि महासचिव ने पीड़ितों के परिजन और बुरकिना फ़ासो की जनता के प्रति अपनी गहरी सम्वेदना व्यक्त की है.

“महासचिव ने, आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में संक्रमणकालीन प्रशासन के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त की है, और उनसे इस जघन्य कृत्यों के लिए ज़िम्मेदार व्यक्तियों की जवाबदेही सुनिश्चित किए जाने का आग्रह किया है.”

भयावह हालात

यूएन प्रवक्ता ने बताया कि इस भयावह हमले की चपेट में आए इलाक़े में सेवारत मानवीय सहायताकर्मियों के अनुसार यहाँ बेहद चिन्ताजनक परिस्थितियाँ हैं.

स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, कम से कम 90 हज़ार विस्थापित लोग बरसालोघो में पिछले वर्ष से रह रहे हैं. इन परिवारों ने आस-पास के इलाक़ों में पसरी असुरक्षा की वजह से यहाँ शरण ली थी. मगर, उनके यहाँ पहुँचने से स्थानीय सेवाओं व आपूर्ति सेवा पर अतिरिक्त भार उपजा है.

बरसालोघो में स्थानीय परिवारों के पास पर्याप्त भोजन नहीं है, और वहाँ व्याप्त असुरक्षा के कारण मानवीय सहायता पहुँचाने का कार्य बेहद कठिन हो गया है.

यूएन प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने कहा कि वर्ष 2022 के बाद से अब तक, मानवीय सहायता एजेंसियों के लिए इस इलाक़े तक पहुँचना, केवल हेलीकॉप्टर परिवहन व्यवस्था तक ही सीमित रहा है.

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