नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा चुनाव में अकेले लड़ने के ऐलान के बाद से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कांग्रेस के बीच तकरार बढ़ती ही जा रही है। इसी कड़ी में हाल ही में बंगाल प्रशासन ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ को सिलीगुड़ी में सभा करने की इजाजत देने से इनकार कर दिया था। बीजेपी नेता अमित मालवीय ने इस मुद्दे पर कहा कि राहुल की यात्रा को इजाजत न देने का नहीं देने का ममता बनर्जी का फैसला INDI अलायंस के ताबूत में आखिरी कील की तरह है और इसका मकसद कांग्रेस को अपमानित करना है।
‘ममता बनर्जी घबराई हुई हैं क्योंकि…’
अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कहा, ‘राहुल गांधी की यात्रा को इजाजत न देने का ममता बनर्जी का फैसला I.N.D.I. अलायंस के ताबूत में आखिरी कील की तरह है। इस फैसले का उद्देश्य कांग्रेस को अपमानित करना है। यह बहाना कि परीक्षा को देखते हुए ऐसा किया गया है, एक दिखावा है। ऐसी कोई बाध्यता नहीं है क्योंकि परीक्षाएं 2 फरवरी से शुरू हो रही हैं और यात्रा को 28 जनवरी को सिलीगुड़ी क्षेत्र में प्रवेश करना था! ममता बनर्जी घबराई हुई हैं और वह ये सब इस उम्मीद में कर रही हैं कि वह पश्चिम बंगाल की सभी सीटों पर चुनाव लड़ सकें ताकि नतीजे आने के बाद प्रासंगिक बनी रह सकें।’
‘स्टॉकहोम सिंड्रोम से पीड़ित है कांग्रेस’
मालवीय ने अपने ट्वीट में आगे कहा, ‘लेकिन यह देखना दिलचस्प है कि कांग्रेस ‘स्टॉकहोम सिंड्रोम’ से पीड़ित है और ममता बनर्जी से सिर्फ 5 मिनट के लिए यात्रा में शामिल होने की अपील करती रहती है।’ बता दें कि ममता बनर्जी ने बुधवार को ऐलान किया था कि उनकी पार्टी राज्य में ‘अकेले’ लोकसभा चुनाव लड़ेगी। उनकी इस टिप्पणी ने कांग्रेस को परेशान कर दिया और विपक्षी गठबंधन ‘I.N.D.I.A.’ में राजनीतिक हलचल पैदा कर दी। कांग्रेस और TMC के बीच सीट-बंटवारे का प्रस्ताव तब बिगड़ गया जब तृणमूल ने कांग्रेस पर जमीनी हकीकत को स्वीकार किए बिना अनुचित (संख्या में सीटों की) मांग करने का आरोप लगाया।
ममता बनर्जी ने बुधवार को पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने का ऐलान किया था।
‘हमें बंगाल सरकार से बेहतर की उम्मीद थी’
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ‘यात्रा’ का कार्यक्रम प्रशासन को बहुत पहले ही सौंप दिया गया था। उन्होंने कहा, ‘कुछ स्थानों पर हमें अड़चनों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि हमें परीक्षाओं का हवाला देते हुए सार्वजनिक बैठकें आयोजित करने की इजाजत नहीं मिल रही है। यात्रा को असम सहित पूर्वोत्तर में मुश्किल हुई है और अब इसे TMC शासित पश्चिम बंगाल में भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। हमें सिलीगुड़ी में एक सार्वजनिक बैठक आयोजित करने की अनुमति नहीं दी गई। हमें राज्य सरकार से बेहतर सहयोग की उम्मीद थी। वैसे भी, कुछ बदलावों को छोड़कर यात्रा का मार्ग और यात्रा कार्यक्रम वही रहेगा।’