बिहार (Bihar) के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने गरीबों को कम से कम 200 यूनिट मुफ्त बिजली (Free Electricity) देने की विपक्ष की मांग को शुक्रवार को खारिज कर दिया और दलील दी कि उपभोक्ताओं को बहुत ज्यादा सस्ती दरों पर बिजली पहले से ही दी जा रही है विधानसभा में मुख्यमंत्री ने उर्जा विभाग के 2024-25 के लिए बजटीय आवंटन पर बहस के दौरान उक्त टिप्पणी की। विभाग के 11,422.67 करोड़ रुपये के बजटीय प्रस्ताव को सदन ने ध्वनि मत से पारित कर दिया।
मुख्यमंत्री ने विपक्षी सदस्यों की कम से कम 6,000 रुपए प्रति माह से कम कमाने वाले 94 लाख परिवारों को 200 यूनिट मुफ्त बिजली (Free Electricity) देने की मांग को खारिज करते हुए कहा, “हम उपभोक्ताओं को मुफ्त बिजली नहीं दे सकते। मैं यह सालों से कह रहा हूं। हम पहले से ही उपभोक्ताओं को बहुत ज्यादा रियायती दरों पर बिजली दे रहे हैं।”
‘नहीं दे सकते बिजली हमलोग मुफ्त में’
यह मांग सबसे पहले CPI के विधायक संदीप सौरव ने ऊर्जा विभाग के लिए बजट आवंटन पर बहस के दौरान उठाई थी। राज्य के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री की टिप्पणी को दोहराते हुए कहा, “नहीं दे सकते बिजली हमलोग मुफ्त में।”
उन्होंने कहा कि विभाग स्मार्ट प्रीपेड बिजली मीटर लगाने वाले उपभोक्ताओं के लिए अलग-अलग छूट देने वाली योजनाएं शुरू कर रहा है। यादव ने इसके अलावा खेतीबाड़ी से जुड़े कामकाज के लिए सरकार की तरफ से 70 पैसे प्रति यूनिट बिजली पर सब्सिडी पर रोशनी डाली।
मंत्री ने कहा, “बिजली उपभोक्ताओं को सब्सिडी देने के लिए राज्य सरकार ने 2023-24 में 13,114 करोड़ रुपए मंजूर किए। जहां तक किसानों का सवाल है, सरकार पहले से ही उन्हें खेती के लिए 70 पैसे प्रति यूनिट की कीमत पर बिजली उपलब्ध करा रही है।”
’23-24 घंटे तक दी जा रही बिजली’
बिजेंद्र प्रसाद यादव ने बिजली उपलब्धता में बड़े सुधारों का जिक्र करते हुए कहा, शहरी इलाकों में 23-24 घंटे और ग्रामीण इलाकों में 21-22 घंटे बिजली की सप्लाई हो रही है।
उन्होंने 58 सालों के अंतराल के बाद 2022-23 में बिजली वितरण कंपनियों के पहली बार 215 करोड़ रुपए के लाभ के लिए राज्य सरकार के लगातार समर्थन को श्रेय दिया।
उन्होंने कहा, “राज्य सरकार के लगातार समर्थन के कारण, 58 सालों के अंतराल के बाद पहली बार, राज्य में बिजली वितरण कंपनियों ने 2022-23 में 215 करोड़ रुपए का लाभ कमाया है।”