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बांग्लादेश: बाढ़ प्रभावित इलाक़ों तक मानवीय राहत पहुँचाने के प्रयास

भारत के असम और मेघालय राज्यों और बांग्लादेश में मॉनसून की मूसलाधार बारिश हुई है, जिससे स्थानीय नदियाँ उफ़ान पर है, और पूर्वोत्तर बांग्लादेश के अनेक इलाक़े भीषण बाढ़ की चपेट में आ गए हैं

कुछ स्थानों पर एक दिन में 200 मिलिमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है, जोकि इस मौसम के दौरान मासिक औसत से कहीं अधिक है. अत्यधिक बारिश होने की वजह से जल जमाव हो गया है, और कृषि उत्पादन, बुनियादी ढाँचे व स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं पर असर पड़ा है.

देश के सिलहट और सूनामगंज ज़िलों में 20 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं – वे अपने घरों से विस्थापित हो गए हैं और उनकी आजीविका में व्यवधान आया है.

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष ने चिन्ता जताई है कि साढ़े सात लाख से अधिक बच्चों पर डूब जाने, कुपोषण का शिकार होने और जल-जनित रोगों से बीमार होने का जोखिम है.

यूएन एजेंसियाँ मौजूदा हालात में ज़रूरतमन्दों तक जल्द से जल्द मानवीय राहत पहुँचाने के लिए प्रयासरत हैं.

WFP बांग्लादेश में देशीय उपनिदेशक सिमोन पार्चमेंट ने बताया कि फ़िलहाल उनकी टीम की प्राथमिकता सर्वाधिक निर्बल परिवारों तक मदद पहुँचाना है. ये समुदाय बेहद कठिनाई का सामना कर रहे हैं और बाढ़ के कारण उनके जीवन व आजीविका साधनों में भारी उथलपुथल हुई है.

27 जून के बाद से अब तक, यूएन खाद्य कार्यक्रम ने सिलहट में सरकारी एजेंसियों के साथ मिलकर 23 हज़ार परिवारों में पौष्टिक बिस्किट वितरित किए हैं, ताकि भोजन व पोषण की तात्कालिक आवश्यकताओं से निपटा जा सके.

यूएन एजेंसी के अनुसार, हालात अब भी गम्भीर हैं और निरन्तर बारिश होने की वजह से बाढ़ ने और गहन रूप धारण किया है, जिससे स्कूलों व स्वास्थ्य देखभाल केन्द्रों समेत अति-आवश्यक बुनियादी ढाँचे को गहरी क्षति पहुँच रही है.

इसके बाद, यूएन एजेंसी की योजना इन 23 हज़ार घर-परिवारों को नक़दी सहायता प्रदान करना और यही मदद अतिरिक्त 48 हज़ार तक पहुँचाना है, जिन्हें राहत के लिए चिन्हित किया गया है.

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