भारतीय नागरिकों को फ्रांस के निकारागुआ में प्लेन से उतार दिया गया। इस प्लेन में 303 भारतीय नागरिक यात्रा कर रहे थे और सभी को हिरासत में ले लिया गया है। मानव तस्करी का शक होने के बाद फ्रांस अथॉरिटीज ने लोगों को प्लेन से उतारा और न्यायिक हिरासत में भेज दिया। प्लेन ने UAE से उड़ान भरी थी और एक टेक्निकल गड़बड़ की वजह से पेरिस के पास स्थित एयरपोर्ट पर लैंड करवाया था।
लोगों से पूछताछ जारी
News18 की रिपोर्ट के मुताबिक लोगों की तस्करी कर उन्हें निकारागुआ से अमेरिका ले जाया जा रहा था। हिरासत में लिए गए लोगों में से ज्यादातर गुजरात और पंजाब के रहने वाले हैं। सारी रिपोर्ट भारत सरकार को भेज दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि क्रिसमस की छुट्टियां होने की वजह से वकील का ऑफिस सोमवार तक बंद रहेगा। अगले हफ्ते कानूनी प्रक्रिया शुरू होगी। एक सॉर्स ने बताया कि पंजाब और गुजरात से आने वाले गरीब गांव वाले निकारागुआ से अमेरिका जाना चाहते थे। अमेरिका ने मेक्सिको बॉर्डर से आ रहे गैर कानूनी प्रवासियों पर तो रोक लगाने का काम कर लिया है लेकिन निकारागुआ ऐसे लोगों के लिए अब एक एक्सेस प्वाइंट की तरह उभरा है।
एयरपोर्ट पर ही किया कैद
एंबैसी टीम इस मामले की जांच कर रही है। साथ ही यात्रियों के स्वास्थ्य का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है। Le Monde न्यूजपेपर की एक रिपोर्ट के मुताबिक नेशनल एंटी ऑर्गेनाइज्ड क्राइम यूनिट JUNALCO ने मामले की जांच अपने हाथों में ले ली है। स्पेशल इनवेस्टिगेटर्स प्लेन के सभी लोगों से पूछताछ कर रहे हैं। प्लेन में 303 भारतीय यात्री थे। इनमें से ज्यादातर दुबई में काम करते थे। फ्रांस में प्लेन लैंड करवाने के बाद उन्हें पहले एयरक्राफ्ट में ही रखा गया। इसके बाद टर्मिनल बिल्डिंग में एक–एक बेड दिया गया। पूरे एयरपोर्ट पर पुलिस ही पुलिस है।
हो सकती है 20 सालों की सजा
एयरक्राफ्ट एक रोमानियन चार्टर कंपनी Legend Airlines ने खरीदा हुआ है। कंपनी के वकील Liliana Bakayoko कथित तौर पर मानव तस्करी में शामिल होने की किसी भी अफवाह से इनकार किया है। फ्रेंच बॉर्डर पुलिस किसी भी दूसरे देश के नागरिक को चार दिनों तक फ्रांस में कैद करके रख सकती है। आगे की डेस्टिनेशन से उन्हें जाने से भी रोका जा सकता है। अगर एक जज की परमिशन मिल जाती है तो लोगों की हिरासत को फ्रांस में आठ दिनों तक रोका जा सकता है। इसे आगे बढ़ाकर और आठ दिन करते हुए कुल 26 दिनों तक बढ़ाया जा सकता है। मानव तस्करी के जुर्म में फ्रांस में 20 सालों तक की सजा हो सकती है।