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फ़िलिपीन्स: धान की सफल ‘अन्तरधार्मिक खेती’ में, ‘विश्वास और परस्पर सम्मान’ के बीज

लिटॉन, किबालेस, मैगाटोस सिंचाईकर्ता (LKM-AI) सहकारी संस्था को, संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) का सहयोग मिला है और कोरिया अन्तरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (KOICA) से वित्तीय समर्थन प्राप्त हुआ है.

ये समुदाय केन्द्रीय मिदानाओ द्वीप में काबाकान के निकट कुछ सौ मीटर की दूरी पर रहते हैं. इस क्षेत्र में अनेक वर्षों तक, अलगाववादी हिंसा जारी रही. मगर, मुस्लिम बहुल यह क्षेत्र अब, स्व-शासन के एक महत्वपूर्ण स्तर की ओर बढ़ रहा है.

प्रत्येक वर्ष 1 जुलाई को मनाए जाने वाले अन्तरराष्ट्रीय सहकारी दिवस के अवसर पर, यूएन समाचार के डैनियल डिकिंसन ने, काबाकान का दौरा किया और LKM-IA के दो सदस्यों से मुलाक़ात की: कोषाध्यक्ष मार्सियालीज़ा कैलूद, जो कि एक ईसाई हैं;और मोना उस्मान से, जो एक मुस्लिम हैं और एक ऑडिटर के रूप में कार्य करती हैं.

मार्शियालीज़ा कैलूड, एक नई धान प्रसंस्करण मशीन के पास.

मार्सियालीज़ा कैलूद: एसोसिएशन की शुरुआत 2015 में केवल 250 पेसो ($4) के साथ हुई थी और पिछले ही वर्ष हमारी आय साढ़े 16 लाख पैसो यानि  लगभग 28 हज़ार डॉलर हो गई. सचेत योजना और प्रबन्धन ने इस वृद्धि में अहम सहायता की. साथ ही KOICA और FAO के समर्थन से प्राप्त बीज, उर्वरक और मशीनों का भी इस सफलता में अहम योगदान रहा है.

मोना उस्मान: एसोसिएशन ने चावल की खेती और कटाई की प्रत्येक प्रक्रिया हेतु मशीनें प्राप्त कीं; खेत की जुताई के लिए एक रोटावेटर, फ़सल ढोने के लिए एक कम्बाइन हार्वेस्टर और चावल को संसाधित करने के लिए एक मिलिंग मशीन ख़रीदे.

मार्सियालीज़ा कैलूद: हमारे सदस्यों को किराए पर दी गई मशीनों ने उत्पादकता में काफ़ी वृद्धि की है. हाथ और भैंस की मदद से एक हैक्टेयर खेत की जुताई करने में एक पूरा दिन लग जाता है, मगर रोटावेटर का उपयोग करके, इस काम में केवल एक घंटे का समय लगता है.

उसी खेत में हाथ से धान की कटाई करने में लगभग दो दिन लगते हैं, परन्तु कम्बाइन हार्वेस्टर का उपयोग करने पर केवल एक से दो घंटे लगते हैं. मेरे चावल के खेत से होने वाली आय, 20 हज़ार पेसो ($340) से बढ़कर 24 हज़ार पेसो ($410) हो गई है, जो कि एक महत्वपूर्ण राशि है.

मोना उसमान, अपने परिवार के साथ.

मोना उस्मान: सहकारी संस्था के अस्तित्व में आने के पूर्व, हमें एक निजी ऋणदाता से कम्बाइन हार्वेस्टर किराए पर लेना पड़ता था, जो भुगतान के रूप में हमारी फ़सल का कुल 10 प्रतिशत लेते थे, बाक़ी 90 प्रतिशत हिस्सा हमारे पास रहता था.

जबसे हमने अपनी सहकारी संस्था स्थापित की और अपना हार्वेस्टर ख़रीदा, फ़सल का नौ प्रतिशत हिस्सा हमारे सहकारी संघ को जाता है और अब प्रत्येक किसान को 91 प्रतिशत हिस्सा प्राप्त होता है. इस अतिरिक्त एक प्रतिशत हिस्से से, काफ़ी बड़ा फ़र्क पड़ता है. इस बीच, क्योंकि हमारी फ़सलें बारिश पर निर्भर नहीं हैं, हमारा सहकारी संघ, हमारे योगदान से, सिंचाई के लिए भुगतान करने में सक्षम हो सका है.

मार्शियालीज़ा कैलूड: हमें सबसे अधिक चिन्ता पानी की उपलब्धता की होती है.

हाल ही में एल नीनो जलवायु घटना के दौरान जब पानी की कमी थी, हमें स्वयं से उच्च स्थानों पर रहने वाले पड़ोसियों के साथ बातचीत करनी पड़ी, ताकि हमारी ज़रूरत के लिए पर्याप्त पानी छोड़ा जा सके. सौभाग्य से, हमारे सम्बन्ध अच्छे हैं, इसलिए यह कोई समस्या नहीं थी, परन्तु जलवायु परिवर्तन सभी चावल उत्पादकों के लिए चिन्ता का विषय बना हुआ है, क्योंकि धान की फ़सल जल से भरे खेतों में उगती है.

फ़िलिपीन्स में सहकारी अन्तरधार्मिक सहकारिता के सहारे पैदा हुआ चावल.

मोना उस्मान: हम एक सहकारी संघ हैं और हम दो धर्मों, मुस्लिम और ईसाई, का प्रतिनिधित्व करते हैं. मेरे दादा जी एक मुजाहिद (स्वतंत्रता सेनानी) थे, जिन्होंने हमारी ज़मीन के लिए लड़ाई लड़ी. बाद में वे धार्मिक व्यक्ति बन गए और उन्होंने बांग्सामोरो में आकर बसने वाले ईसाई बाशिन्दों का स्वागत किया. यह दक्षिणी-पश्चिमी मिन्दनाओ द्वीप का एक मुस्लिम बहुल क्षेत्र है.

इसलिए ऐतिहासिक सम्बन्ध के कारण, समुदायों के बीच परस्पर विश्वास और सम्मान के मूल्य क़ायम हैं.

फ़िलिपीन्स के लिटॉन में, एक मस्जिद

मार्शियालीज़ा कैलूड: हम शायद ही कभी इस बात का ज़िक्र करते हैं कि यह एक ईसाई और मुस्लिम सहकारी संघ है. हमारे पूर्वज एक-दूसरे के धर्म और संस्कृति का सम्मान करते थे, इसलिए हमारे बीच कभी कोई झगड़ा नहीं हुआ. हमारे बच्चे भी आपस में एक-दूसरे के साथ खेलते हैं.

मोना उस्मान: उन लोगों की धारणा ग़लत है जो मानते हैं कि ईसाई और मुस्लिम साथ नहीं रह सकते. यहाँ कोई टकराव नहीं है, केवल पारस्परिक सम्मान है जो कि एक विरासत है. इसे हमने अपने बच्चों और उनके सहपाठियों को सौंपा है.

फ़िलिपीन्स के किबालेस में, एक चर्च

मार्शियालीज़ा कैलूड: यहाँ किसानों के बीच एक कहावत प्रचलित है कि जब फ़सल आती है तो हम अंग्रेज़ी बोलते हैं. हम कहते हैं, “शॉर्ट, फ़ेल्यर, ओवरड्राफ़्ट.” शॉर्ट, क्योंकि अपने ख़र्चों का भुगतान करने के बाद हमारे पास धन की कमी हो जाती है, फ़ेल्यर क्योंकि एक और फ़सल पर्याप्त धन नहीं मुहैया करा पाई और ओवरड्राफ़्ट, क्योंकि हमें जीविका हेतु धन उधार लेने की आवश्यकता होती है. हालाँकि, नई मशीनों के साथ अब ऐसा नहीं है और हम काफ़ी बेहतर आय अर्जित कर रहे हैं.

मोना उस्मान: इस सहकारी संघ में हम प्रगति तो कर रहे हैं, परन्तु अभी भी गुज़र-बसर करना मुश्किल है. हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि समुदाय के सभी लोगों को स्वास्थ्य सेवाएँ मुहैया कराई जा सकें, उनके बच्चे शिक्षा प्राप्ति के लिए विद्यालय जाएँ और वे दिन में तीन बार खाना खा सकें.

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