श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने बताया कि, “हर दिन एक लाख से अधिक लोग मंदिर में ‘दर्शन’ के लिए आते हैं। 22 जनवरी को ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के बाद से लगभग 1.5 करोड़ लोगों ने रामलला के दर्शन किए हैं।” बता दें कि रामनवमी का दिन राम मंदिर के लिए खास दिन रहा, जब रामलला की मूर्ति के मस्तक पर सूर्य तिलक किया गया। इसके लिए वैज्ञानिक पद्धति अपनाई गई थी। इसे करोड़ों लोगों ने टीवी सहित विभिन्न मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लाइव देखा।
बनाई जा रही मजबूत सुरक्षा दीवार
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने बताया कि, ”अयोध्या में राम मंदिर का केवल भूतल का ही काम अभी तक पूरा हुआ है, जहां राम लला की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ की गई थी। उन्होंने बताया कि राम मंदिर के पहली मंजिल का काम चल रहा है। मंदिर के चारों ओर 14 फीट चौड़ी सुरक्षा दीवार बनाई जाएगी। इस दीवार को मंदिर का ‘परकोटा’ कहा जाता है। ‘परकोटा’ बहुउद्देश्यीय होगा जहां 6 और मंदिर बनाए जाएंगे जो भगवान शंकर, भगवान सूर्य के हैं ‘गर्भगृह’ और दो भुजाओं पर भगवान हनुमान और मां अन्नपूर्णा का मंदिर बनाया जाएगा…
चंपत राय ने मंदिर के बारे में बताई खास बातें
चंपत राय ने बताया कि अयोध्या राम मंदिर परिसर में महर्षि वाल्मिकी, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र और महर्षि अगस्त्य के मंदिर भी बनाए जाएंगे और साथ ही शबरी, मां अहिल्या और जटायु के मंदिर का भी निर्माण होगा। मंदिर में एक समय में 25,000 तीर्थयात्रियों को रखने की क्षमता होगी, यहां के सभी पेड़-पौधे सुरक्षित हैं। राम मंदिर के परिसर में 600 पौधे लगाए गए हैं और सभी सुरक्षित हैं। गर्मी में इन पौधों के लिए जल उपचार संयंत्र और सीवर उपचार संयंत्र भी लगाया गया है। यह मंदिर अपने आप में स्वतंत्र होगा और अयोध्या के लोगों को मंदिर की आवश्यकता को पूरा करने के लिए किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।”