भारत में पिछले साल यानी 2023 में फिनटेक सेक्टर (fintech sector) की फंडिंग में 63 पर्सेंट की गिरावट हुई। मार्केट इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म ट्रैक्सन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, फिनटेक सेक्टर की स्टार्टअप्स ने इस दौरान 2 अरब डॉलर जुटाए, जबकि 2022 में यह आंकड़ा 5.4 अरब डॉलर था। इस सेक्टर की स्टार्टअप्स ने 2021 में 8.4 अरब डॉलर जुटाए थे।
रिपोर्ट के मुताबिक, फंडिंग में गिरावट के लिए मुख्य तौर पर दो वजहों को जिम्मेदार ठहराया गया है- बॉरोइंग कॉस्ट में बढ़ोतरी और इस सेगमेंट को लेकर निवेशकों द्वारा सावधानी बरता जाना। इसमें कहा गया है, ‘निवेशक अब निवेश से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले बिजनेस के हर पहलू की पड़ताल करने को लेकर ज्यादा जागरूक हो गए हैं।’
हर तरह की डील में स्लोडाउन देखने को मिली है। 2023 में बाद के दौर की फंडिंग में 56 पर्सेंट की गिरावट रही और यह आंकड़ा 1.4 अरब डॉलर रहा, जबकि शुरुआती स्टेज और सीड स्टेज की फंडिंग में क्रमश: 73 पर्सेंट और 69 पर्सेंट की गिरावट देखने को मिली। पिछले 12 महीनों में कुल 144 फंडिंग राउंड देखने को मिला, जबकि 2022 में फंडिंग राउंड का आंकड़ा 504 था।
पिछले साल यानी 2023 में यूनिकॉन का दर्जा हासिल करने वाली एकमात्र कंपनी InCred रही, जबकि इससे पिछले साल 5 कंपनियों ने यूनिकॉर्न का दर्जा हासिल किया था। फंडिंग में सुस्ती के बावजूद इंडियन फिनेटक इकोसिस्टम 2023 में फंड हासिल करने के मामले में तीसरे स्थान पर रहा। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘सरकार ने हाल में भारतनेट प्रोजेक्ट के लिए 16.7 अरब डॉलर आवंटित किए हैं, जिसका मकसद ग्रामीण इलाकों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी बढ़ाना है। इससे ग्रामीण इलाकों में डिजिटल बैंकिंग और अन्य फिनटेक सॉल्यूशंस की पहुंच बढ़ाने में मदद मिलेगी।’