समाचार माध्यमों के अनुसार, यह विस्फोट देश के दक्षिण-पश्चिम में स्थित बलूचिस्तान प्रान्त के मस्तुंग ज़िले में शुक्रवार सुबह को हुआ.
विस्फोटक को एक मोटरसाइकिल से बाँध कर रखा गया था. इस घटना में पाँच बच्चों समेत सात लोगों की जान जाने और 17 अन्य के घायल होने की ख़बर है.
इस धमाके की चपेट में आकर हताहत होने वाले बच्चे उस समय नज़दीक स्थित एक स्कूल में उपस्थित थे.
यूनीसेफ़ ने इस भयावह घटना में पीड़ित परिवारों के लिए अपनी सम्वेदना व्यक्त की है और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है.
यूनीसेफ़ ने क्षोभ जताया कि किसी भी अभिभावक को अपने बच्चों को ऐसे हालात में सुबह स्कूल नहीं भेजना चाहिए, जब उन्हें पता भी ना हो कि वे उस दिन घर नहीं लौट पाएंगे.
“बच्चे और किशोर हिंसा का निशाना नहीं हैं और उन्हें कभी भी नहीं बनाया जाना होगा. उनकी सुरक्षा व संरक्षण सदैव सुनिश्चित किया जाना होगा और उनके बुनियादी अधिकारों को बरक़रार रखना होगा.”
यूनीसेफ़ ने ध्यान दिलाया है कि शिक्षा संस्थानों और स्वास्थ्य केन्द्रों के इर्दगिर्द कभी भी स्वीकार्य नहीं है. बच्चों के लिए स्कूल जाना कभी साहसिक कृत्य नहीं बन जाना चाहिए.
“स्कूल सुरक्षित होने चाहिए, जहाँ बच्चे सुरक्षा हिफ़ाज़त के साथ पढ़ लिख सकें, अपने दोस्तों के साथ हो सकें और उन कौशल को हासिल कर सकें, जिनकी उन्हें भविष्य में आवश्यकता होगी.”
यूनीसेफ़ ने बेतुकी हिंसा पर विराम लगाने की अपील करते हुए कहा कि सभी बच्चों की सुरक्षा का पूर्ण रूप से ध्यान रखा जाना होगा.