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पत्नी कल्पना को झारखंड की गद्दी सौंपने की तैयारी में CM सोरेन, दांव को फेल करने में जुटी BJP

पत्नी कल्पना को झारखंड की गद्दी सौंपने की तैयारी में CM सोरेन, दांव को फेल करने में जुटी BJP

झारखंड (jharkhand) में इन दिनों सियासी सरगर्मी बढ़ती जा रही है। कथित जमीन घोटाला और अवैध खनन के आरोपों में फंसते दिख रहे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) वैकल्पिक उपायों पर मंथन कर रहे हैं। चर्चा है कि जरूरत पड़ने पर हेमंत सोरेन अपनी पत्नी कल्पना सोरेन (Kalpana Soren) को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंप सकते हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से भेजे गए 7वें समन के बाद सीएम सोरेन ने 3 जनवरी को महागठबंधन के विधायक दल की बैठक बुलाई है। चर्चा है कि इस बैठक में उनकी पत्नी कल्पना का नाम झारखंड के नए CM के लिए आगे बढ़ाया जा सकता है। हेमंत सोरेन इस संबंध में कानूनी सलाह भी ले रहे हैं।

BJP का प्रतिनिधिमंडल जल्द ही झारखंड के राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन से मुलाकात कर उनसे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा अपनी पत्नी का नाम इस पद के लिए प्रस्तावित किए जाने के मामले में अटॉर्नी जनरल और कानूनी विशेषज्ञों से सुझाव लेने का आग्रह करेगा। BJP की झारखंड इकाई के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेस में कहा कि कथित तौर पर भूमि घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल सोरेन द्वारा अपनी पत्नी कल्पना को मुख्यमंत्री बनाने का कोई भी प्रयास लोकतंत्र का मजाक उड़ाना होगा।

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मरांडी ने दावा किया कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) विधायक सरफराज अहमद (JMM MLA Sarfaraz Ahmad) के सोमवार को इस्तीफे से संकेत मिलता है कि सोरेन अपनी पत्नी को इस सीट से मैदान में उतारना चाहते हैं। बीजेपी का दावा है कि वह कथित घोटाले में जेल जाने की स्थिति में पत्नी कल्पना को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं। उन्होंने दावा किया, “लेकिन, ओडिशा की मूल निवासी होने के कारण कल्पना सोरेन झारखंड में आरक्षित (अनुसूचित जनजाति) सीट से विधायक तक नहीं बन सकतीं, राज्य की मुख्यमंत्री बनना तो दूर की बात है।”

इस साल नवंबर-दिसंबर में होने हैं चुनाव

मरांडी ने कहा कि अगर सोरेन अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री के रूप में पेश करते हैं तो यह उनकी बड़ी भूल होगी। अगर वह चुनाव हार जाती हैं तो इससे चुनाव प्रक्रिया का भी मखौल बनेगा क्योंकि राज्य में इस साल नवंबर-दिसंबर में चुनाव प्रस्तावित हैं। बीजेपी नेता ने आश्चर्य जताया कि सोरेन ED का सामना करने से क्यों डर रहे हैं, जबकि केंद्रीय एजेंसी ने उन्हें सात समन जारी किए थे। उन्होंने कहा कि अगर सोरेन ने कुछ भी गलत नहीं किया है तो उन्हें ED का सामना करना चाहिए और उनके सवालों का जवाब देना चाहिए।

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