विश्व

‘दुनिया भर में सक्रिय मानवाधिकार पैरोकारों से प्रेरणा हासिल करें’

यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने शुक्रवार को, 2023 के मानवाधिकार क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र पुरस्कार सम्मान समारोह को सम्बोधित करते हुए, इस बात पर ज़ोर दिया कि मानवाधिकार रक्षकों को स्वयं भी, अधिक सुरक्षा की आवश्यकता है.

उन्होंने कहा, “दुनिया को यहूदी विरोधी भावना, मुस्लिम विरोधी कट्टरता, अल्पसंख्यक ईसाई समुदायों पर हमलों और सभी प्रकार की नफ़रत व दुर्व्यवहार के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलन्द करने के लिए, देशों, विशाल कम्पनियों, राजनैतिक दलों, धार्मिक और नागरिक संगठनों व उससे आगे की नेतृत्व हस्तियों की ज़रूरत है.”

उन्होंने कहा, “नेतृत्व हस्तियों को, टकरावों को रोकने, पृथ्वी ग्रह की रक्षा करने और मतभेदों की खाइयों को पाटने के लिए, हमारे साझा मानदंडों और मूल्यों को अपनाने, उन पर कार्य करने और मानवता व गरिमा की भावना से निर्देशित होने की आवश्यकता है, जैसाकि मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा में प्रावधान है.

2023 के पुरस्कार विजेता

वर्ष 1966 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा स्थापित, मानवाधिकार के क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र पुरस्कार, मानवाधिकारों में उत्कृष्ट उपलब्धि के लिए व्यक्तियों और संगठनों को मान्यता देता है.

यह पुरस्कार पहली बार दिसम्बर 1968 में, सार्वभौमिक घोषणा की बीसवीं वर्षगाँठ पर, और केवल वर्ष 1983 को छोड़कर, हर पाँच साल में प्रदान किया जाता रहा है.

इस वर्ष, लगभग 400 से अधिक नामांकित व्यक्तियों में से, तीन समूहों और दो व्यक्तियों को इस पुरस्कार के लिए चुना गया.

समूहों में शामिल हैं – बेलारूस में स्थित मानवाधिकार केन्द्र, “वियासना”; जॉर्डन में मानवाधिकार अध्ययन के लिए अम्मान केन्द्र; और स्वच्छ, स्वस्थ व टिकाऊ पर्यावरण की हिमायत करने वाले नागरिक समाज संगठनों, स्वदेशी लोगों, सामाजिक आन्दोलनों और स्थानीय समुदायों का एक वैश्विक गठबन्धन.

व्यक्तिगत विजेताओं में शामिल हैं – काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य (DRC) की जूलिएन लुसेंज हैं; और उरुगुए के जूलियो पेरेरा.

पूर्व में इस पुरस्कार से सम्मानित होने वालों में मलाला यूसुफ़ज़ई (2013), डेनिस मुकवेगे (2008), पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर (1998), नेल्सन और विनी मंडेला (1988), डॉक्टर मार्टिन लूथर किंग (मरणोपरान्त, 1978), और एलेनोर रूज़वेल्ट (मरणोपरान्त, 1968) जैसी हस्तियाँ शामिल हैं.

मूल्यों का जश्न

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने पुरस्कार विजेताओं का परिचय कराते हुए, इस बात पर प्रकाश डाला कि यह पुरस्कार मानवाधिकार रक्षकों और वैश्विक स्तर पर समाजों के लिए, उनके विशाल मूल्य योगदान का जश्न मनाता है.

वोल्कर टर्क ने कहा, “मानवाधिकार रक्षक परिवर्तन के दूरदर्शी एजेंट हैं. वे हम सभी के लिए एक बेहतर भविष्य देखते हैं, और वे जानते हैं कि उस भविष्य को वास्तविकता कैसे बनाया जाए.”

मानवाधिकार उच्चायुक्त ने हालाँकि ये भी कहा कि मानवाधिकार रक्षकों को, यथास्थिति को चुनौती देने में उत्पीड़न सहन करने से लेकर हिरासत में लिए जाने, जबरन ग़ायब किए जाने, यातना और यहाँ तक कि मौत जैसे अनेक जोखिमों का सामना करना पड़ता है.

“महिला मानवाधिकार रक्षकों के लिए तो, उनके सामने आने वाले जोखिम और भी अधिक हो सकते हैं. उन्हें उनके काम और उनके लिंग के आधार पर निशाना बनाया जाता है.”

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