दिल्ली शराब घोटाला मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और निचली अदालत की कस्टडी के खिलाफ दाखिल याचिका पर हाईकोर्ट में जांच एजेंसी ईडी ने हलफनामा दाखिल किया है और इस हलफनामे में ईडी ने मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ‘आबकारी घोटाले’ के ‘सरगना’ एवं ‘षडयंत्रकारी’ हैं और इसके पास उपलब्ध सामग्री के आधार पर यह मानने के कारण हैं कि वह धनशोधन के अपराध के दोषी हैं। ‘
घोटाले’ से जुड़े धनशोधन मामले में एजेंसी द्वारा आम आदमी पार्टी (आप) नेता की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका का विरोध करते हुए, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कहा कि राजनीतिक दल आम आदमी पार्टी, जो अपराध की आय का ‘प्रमुख लाभार्थी’ था, ने केजरीवाल के माध्यम से अपराध किया है।
ईडी ने कहा, ‘‘ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, दिल्ली सरकार के मंत्रियों, आप नेताओं और अन्य व्यक्तियों की मिलीभगत से दिल्ली आबकारी घोटाले के सरगना और मुख्य षडयंत्रकारी हैं। अरविंद केजरीवाल सीधे तौर पर आबकारी नीति 2021-22 बनाने में शामिल थे।’’
एजेंसी ने कहा, ‘‘इस नीति का मसौदा ‘साउथ ग्रुप’ को दिए जाने वाले लाभों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया था और इसे विजय नायर, मनीष सिसोदिया और ‘साउथ ग्रुप’ के प्रतिनिधि सदस्यों की मिलीभगत से बनाया गया था।’’ ईडी ने कहा कि आप ने केजरीवाल के माध्यम से धनशोधन का अपराध किया है और इस तरह यह अपराध पीएमएलए, 2002 की धारा 70 के दायरे में आता है।
जांच एजेंसी ने कहा, ‘‘आम आदमी पार्टी दिल्ली आबकारी घोटाले में अर्जित अपराध की आय की प्रमुख लाभार्थी है। अरविंद केजरीवाल आप की प्रमुख गतिविधियों को नियंत्रित करते हैं। जैसा कि गवाहों के बयान से स्पष्ट होता है कि वह पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं और नीति बनाने के निर्णयों में भी शामिल थे।’’ न्यायमूर्ति स्वर्ण कांत शर्मा के समक्ष बुधवार को इस मामले में सुनवाई होने वाली है।
(इनपुट-पीटीआई)