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दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरफिरेल एक्सप्रेसवे पर सफर करना हुआ महंगा, बढ़ गया टोल, ये हैं नए रेट

दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे (Delhi-Meerut Expressway -DME) और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (Eastern Peripheral Expressway -EPE) पर सफर करना महंगा हो जाएगा। टोल टैक्स में 5 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी गई है। बढ़ी हुई नई दरें 3 जून से लागू हो जाएंगी। इसमें चार पहिया वाहनों को 45 रुपये से 160 रुपये तक खर्च करना होगा। वहीं भारी वाहनों को यात्रा की दूरी के आधार पर 40 रुपये से 250 रुपये तक खर्च करना होगा। मौजूदा समय में एक्सप्रेसवे पर टोल 2.19 रुपये प्रति किलो मीटर के हिसाब से लगता है। इसमें दिल्ली और गाजियाबाद के बीच सफर करने पर कोई टोल टैक्स नहीं लिया जाता है।

कहा जा रहा है कि बढ़े हुए नए रेट 1 अप्रैल 2024 से लागू किया जाना था। लेकिन आचार संहिता लगने की वजह से ऐसा नहीं हो सका। लिहाजा चुनाव खत्म होने के बाद लागू किया जा रहा है। यात्रियों को अब सोमवार (3 जून) से बढ़े हुए रेट के तहत टोल टैक्स चुकाना होगा।

जानिए एक्सप्रेसवे पर कितने रुपये चुकाना होगा

बढ़े हुए नए दरों के हिसाब से अब सराय काले खां से काशीपुर टोल प्लाजा के बीच दूरी 82 किमी है। इस दूरी के लिए हल्के वाहनों को 160 रुपये देना होगा। जबकि मिनीबस और हल्के कमर्शियल वाहनों को 250 रुपये देना होगा। इसी तरह मेरठ और इंदिरापुरम के बीच हल्के वाहमों को 110 रुपये और भारी वाहनों को 175 रुपये देना होगा। मेरठ से डूंडाहेड़ा तक हल्के वाहनों को 85 रुपये देना होगा। जबकि भारी वाहनों को 140 रुपये टोल टैक्स देना होगा। वहीं मेरठ से डासना तक टोल 70 रुपये और 115 रुपये है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) की गाइडलाइंस के अनुसार, एक अप्रैल से टोल टैक्स के नए रेट लागू हो जाते हैं। लेकिन आचार संहिता की वजह से लागू नहीं हो पाए।

जानिए क्या है टोल टैक्स

जब भी कोई वाहन सड़क पर चलाते हैं तो उसे चलाने के लिए पैसे देना पड़ता है। जिसे ‘टोल टैक्स’ (Toll Tax) कहते है। टोल टैक्स को हिंदी में ‘राहदारी’ कहा जाता है। इसे indirect tax की श्रेणी में रखा गया है। हालांकि, टोल टैक्स सिर्फ नेशनल हाईवे, सुरंगें, एक्सप्रेसवे और अन्य ख़ास सड़कों या हाइवे (एक्सप्रेसवे या राजमार्ग) पर ही लिया जाता है। ये टैक्स नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) वसूलता है।

बता दें कि NHAI सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय के तहत काम करता है। टोल टैक्स दो तरह का होता है। पहला स्टेट हाइवे टोल टैक्स (STX) और दूसरा नेशनल हाइवे टोल टैक्स (NTX) होता है।

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