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डीपीआर कोरिया द्वारा मिसाइल परीक्षण किए जाने से, ‘क्षेत्रीय स्थिरता के लिए जोखिम’

डीपीआर कोरिया द्वारा मिसाइल परीक्षण किए जाने से, ‘क्षेत्रीय स्थिरता के लिए जोखिम’

इस मिसाइल को 31 अक्टूबर को स्थानीय समयानुसार सुबह 7.11 बजे छोड़ा गया, जोकि क़रीब 1.26 घंटे के लिए उड़ान पर था और इस दौरान मिसाइल ने एक हज़ार किलोमीटर की दूरी तय की.

राजनैतिक और शान्तिनिर्माण मामलों (DPPA) के लिए संयुक्त राष्ट्र के सहायक महासचिव मोहम्मद ख़ालेद ख़ैरी ने प्रतिनिधियों को बताया कि उत्तर कोरिया (डीपीआरके) ने अपने नवीनतम मिसाइल प्रक्षेपण को बेहद अहम परीक्षण क़रार दिया है.

यूएन अधिकारी के अनुसार, इस मिसाइल को छोड़े जाने से डीपीआरके की रणनैतिक मिसाइल क्षमता में बढ़ोत्तरी हुई है. उन्होंने कहा कि ह्वासॉन्ग-19 नामक इस बैलेस्टिक मिसाइल ने उड़ान की अवधि, ऊँचाई के विषय में नए रिकॉर्ड स्थापित किए हैं.

डीपीआरके ने ठोस-ईंधन के इस्तेमाल वाली यह दूसरी बैलेस्टिक मिसाइल विकसित की है, जिसे छोड़े जाने से पहले ईंधन की आवश्यकता नहीं होती है. यह अपनी पूर्ववर्ती [मिसाइल] ह्वासॉन्ग-18 की तुलना में बड़ी बताई गई है और इसमें कहीं ज़्यादा आयुध सामग्री को लादा जा सकता है.

वर्ष 2021 में अपनी पाँच वर्षीय सैन्य योजना की घोषणा किए जाने के बाद, यह 11वीं बार है जब उत्तर कोरिया ने अन्तर-महाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल का प्रक्षेपण किया है.  

सहायक महासचिव ने कहा कि कोरियाई प्रायद्वीप पर तनाव बढ़ रहा है और डीपीआरके द्वारा परमाणु हथियारों व बैलेस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने से सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन होता है.

इससे वैश्विक परमाणु निरस्त्रीकरण और अप्रसार व्यवस्था के कमज़ोर होने की आशंका है. इसके मद्देनज़र, उन्होंने तनाव में कमी लाने और इस ख़तरनाक रास्ते से पीछे हटने के लिए ठोस क़दम उठाने पर बल दिया है.

कूटनैतिक प्रयासों पर बल

ख़ालेद ख़ैरी ने कहा कि बिना किसी सुरक्षा ऐलर्ट के मिसाइल छोड़े जाने से अन्तरराष्ट्रीय नागरिक विमानन व्यवस्था और समुद्री यातायात के लिए गम्भीर जोखिम है, और बिना किसी मंशा के घटनाएँ होने की आशंका है. 

उन्होंने ध्यान दिलाया कि 2023 और 2024 में सुरक्षा परिषद की अनेक बैठकों में मिसाइल परीक्षण से दूर रहने की अपील की गई थी, मगर डीपीआरके ने इन्हें अनुसना कर दिया है.

यूएन अधिकारी ने कहा कि एक और अन्तर-महाद्वीपीय मिसाइल का परीक्षण, गम्भीर चिन्ता की वजह है और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए एक बड़ा ख़तरा है.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने भी इस मिसाइल प्रक्षेपण की निन्दा करते हुए, तनाव में कमी लाने और अन्तरराष्ट्रीय प्रस्तावों का अनुपालन करने की अपील की थी.

उन्होंने ज़ोर देकर कहा था कि टिकाऊ शान्ति और कोरियाई प्रायद्वीप के परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए कूटनैतिक प्रयास ही एकमात्र रास्ता है.

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