उद्योग/व्यापार

टेक हायरिंग में गिरावट की आशंका, IT/टेक सेक्टर में सिर्फ 1.55 लाख फ्रेशर्स की भर्ती की संभावना

वित्त वर्ष 2023-24 में IT/टेक सेक्टर में 1.55 लाख फ्रेशर्स की भर्ती किए जाने की संभावना है, जो पिछले वित्त वर्ष से काफी कम है। पिछले वित्त वर्ष में इस सेक्टर ने 2.3 लाख फ्रेशर्स की भर्ती की थी। टेक स्टाफिंग फर्म टीमलीज डिजिटल (TeamLease Digital) ने ये नतीजे पेश किए हैं। रोजगार की मौजूदा स्थिति के मुताबिक, तकरीबन 15 लाख इंजीनियरिंग ग्रैजुएट IT/टेक सेक्टर में नौकरियां ढूंढ रहे हैं। ऐसे में फ्रेशर्स की भर्ती का आंकड़ा काफी कम है। टीमलीज डिजिटल के सर्वे के मुताबिक, सिर्फ 45 पर्सेंट उम्मीदवार ही जरूरी स्किल की उम्मीदों को पूरा करने में सक्षम हैं। इससे स्किल को लेकर डिमांड और सप्लाई के बीच बड़े गैप का भी पता चलता है।

कई बड़ी IT कंपनियों ने फ्रेशर्स की भर्ती को फिलहाल रोक दिया है, जिससे वैकल्पिक सेक्टरों में डिमांड बढ़ गई है। हायरिंग के माहौल में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है और BFSI, कम्युनिकेशन, मीडिया एंड टेक्नोलॉजी, रिटेल एंड कंज्यूमर बिजनेस, लाइफ साइंसेज एंड हेल्थकेयर, इंजीनियरिंग रिसर्च एंड डिवेलपमेंट और एनर्जी एंड रिसोर्सेज जैसे नॉन-टेक सेक्टरों में एंट्री लेवल से जुड़े हायरिंग के अवसर बढ़ रहे हैं।

बाजार की जरूरतों से पूरा करने के लिए जल्द से जल्द बेहतर स्किल और ट्रेनिंग उपलब्ध कराना होगा, लिहाजा अलग-अलग इंडस्ट्री के दिग्गज सॉफ्ट और हार्ड स्किल को मिलाने पर जोर दे रहे हैं, जिनमें कम्युनिकेशन, टीमवर्क, इमोशनल इंटेलिजेंस, समस्या से निपटने जैसे सॉफ्ट स्किल के साथ-साथ तकनीकी विशेषज्ञता, क्लाउड कंप्यूटिंग और डेटा एनालिटिक्स जैसे हार्ड स्किल भी शामिल हैं।

फ्रेशर्स इंडस्ट्री आधारित स्किल को बेहतर बनाकर, खास तौर पर डिजिटल टूल और टेक्नोलॉजी इस्तेमाल करने में दक्षता हासिल करने पर फोकस कर अपनी रोजगार संबंधी क्षमताओं को बेहतर बना सकते हैं। टीमलीज डिजिटल ने कहा है कि संस्थानों को अपने सिलेबस में इंडस्ट्री आधारित ट्रेनिंग प्रोग्राम को प्राथमिकता के आधार पर शामिल करने की जरूरत है। ऐसे प्रोग्राम का मकसद फ्रेशर्स को आधुनिक तकनीकी स्किल से लैस करना है, ताकि उन्हें रोजगार मिलने की संभावना बढ़ सके।

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