विश्व

टकराव समाधानों के लिए, संवाद हीनता की आलोचना

मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने संयुक्त राष्ट्र के मानवीय और आपदा राहत समन्वयक के रूप में, मुख्यालय में अपनी अन्तिम प्रैस वार्ता में कहा, “मैं ये पद काम अधूरा रहने की भावना के साथ छोड़ रहा हूँ क्योंकि ये दुनिया, वर्ष 2021 की तुलना में, अब एक बदतर स्थान है, जब मैंने यह ज़िम्मेदारी संभाली थी.”

उन्होंने कहा कि अन्तरराष्ट्रीय समुदाय, टकरावों को संवाद के ज़रिए नहीं सुलझा रहा है, जैसाकि लगभग 80 वर्ष पहले यूएन चार्टर में प्रावधान किया गया था. “परम्परागत राजनैतिक कूटनीति तो जैसे ग़ायब ही हो गई है और दंडमुक्ति उछाल पर है.”

इस बीच, धरातल पर मौजूद मानवीय सहायताकर्मी, यथासम्भव समर्थन जुटाने की कोशिश कर रहे हैं, मगर वो रक्षक नहीं हैं.”

“इस दुनिया के रक्षक वो लोग हैं, जो युद्धों को ख़त्म करते हैं और शान्ति निर्माण करते हैं.”

धन की क़िल्लत

मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने कहा कि दुनिया भर में इस समय लगभग 30 करोड़ लोगों को मानवीय सहायता की ज़रूरत है, जबकि दानदाताओं द्वारा दी जाने वाली धनराशि में कमी हुई है.

मानवीय सहायता एजेंसियाँ इस वर्ष क़रीब 18 करोड़ 80 लाख लोगों तक सहायता पहुँचाने के लिए, 49 अरब डॉलर की रक़म जुटाने की मुहिम चला रही हैं, मगर अभी तक केवल 8 अरब डॉलर की धनराशि ही एकत्र हुई है.

उन्होंने कहा, “आधा साल गुज़र चुका है और स्थिति इतनी कठिन और बदतर कभी नहीं रही, जैसी कि इस समय है.”

संकट और तकलीफ़ें

मार्टिन ग्रिफ़िथ्स इस स्थिति की भी आलोचना की कि सभी का अधिकतम ध्यान ग़ाज़ा, सूडान और यूक्रेन जैसे संकटों की तरफ़ टिका हुआ है, जबकि सीरिया, यमन, हेती ऐसे स्थान हैं जहाँ अब भी भारी तकलीफ़ें हो रही हैं.

उन्होंने वर्ष 2021 में जब यह ज़िम्मेदारी संभाली थी, तब इथियोपिया का टीगरे, एक बड़ा संकट था. उन्होंने कहा कि आज भी वहाँ युद्ध के कारण हुई मौतों की संख्या अस्पष्ट है, मगर दो लाख से अधिक ही होगी.

अफ़ग़ानिस्तान में धूमिल होती उम्मीदें

टीगरे संकट से ध्यान, अफ़ग़ानिस्तान में उत्पन्न हुए संकट ने हटा दिया, जहाँ अगस्त 2021 में, तालेबान ने सत्ता पर नियंत्रण कर लिया. लगभग उसी समय के आस-पास हेती में, भीषण भूकम्प आया, मगर ख़बरों में उसकी चर्चा बहुत कम रही.

मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने, तालेबान के सत्ता नियंत्रण के बाद उनसे मुलाक़ात करने के लिए, यूएन महासचिव की तरफ़ से, राजधानी काबुल की यात्रा की थी. 

उन्होंने बताया, “उस समय हमें कुछ उम्मीदें थीं. दरअसल हमें इस बारे में कुछ लिखित आश्वासन भी प्राप्त हुए थे, कि तालेबान के साथ किस तर आगे बढ़ा जाएगा. और वो उम्मीदें अब धूमिल हो गई हैं.”

मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने कहा कि महिलाओं व लड़कियों के विरुद्ध तालेबान के आदेश, “एक के बाद एक करके जारी होते रहे हैं”, मगर अफ़ग़ान लोगों की तरफ़ से, अन्तरराष्ट्रीय सम्पर्क जारी है.

उसके बाद फ़रवरी 2022 में, यूक्रेन पर रूसी हमला हुआ, और ये एक ऐसी स्थिति थी जिसने आपदा, मानवीय ज़रूरतों, विस्थापन, तस्करी और यौन शोषण, व संकट, प्रणालियों के विध्वंस के बारे में नई चुनौतियाँ खड़ी कर दीं.

“और उसके बाद ग़ाज़ा व सूडान संकटों ने, सबको पीछे छोड़ दिया.”

संयुक्त राष्ट्र के आपदा राहत मामलों के प्रमुख मार्टिन ग्रिफ़िथ्स यूक्रेन के इरपिन का दौरा करते हुए (7अप्रैल 2022).

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