जैवविविधता संरक्षण की दृष्टि से यह विश्व में सबसे महत्वपूर्ण आयोजन है. इस सम्मेलन की मेज़बानी करने वाला कैली, कोलम्बिया का तीसरा सबसे बड़ा शहर है, जहाँ 15 हज़ार प्रतिभागियों के पहुँचने की सम्भावना है.
इनमें राष्ट्राध्यक्ष, 100 से अधिक मंत्री और एक हज़ार से अधिक अन्तरराष्ट्रीय पत्रकार हैं.
हर दो साल में एक बार आयोजित होने वाले इस सम्मेलन का उद्देश्य, अन्तरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना, पारिस्थितिकी तंत्रों की रक्षा करने के लिए निवेश पर सहमत होना, और वैश्विक पर्यावरणीय नीतियों को मज़बूती देना है.
इससे पहले, 2022 में कॉप15 सम्मेलन के दौरान, कुनमिंग-मॉन्ट्रियाल जैवविविधता फ़्रेमवर्क पर सहमति बनी थी. यह महत्वपूर्ण योजना 2030 तक जैवविविधता हानि को तक रोकने और उसकी पुनर्बहाली पर केन्द्रित है. हमने इस विषय में महत्वपूर्ण जानकारी जुटाई है…
जैवविविधता क्या है?
जैविक विविधता पर यूएन सन्धि (CBD) के अनुसार, जैवविविधता से तात्पर्य प्रजातियों में व्याप्त विविधता, विभिन्न प्रजातियों व पारिस्थितिकी तंत्रों के बीच विविधता से है. इनमें पौधे, पशु, बैक्टीरिया, फंगस है, ये आपस में मिलकर अपनी तमाम जटिलताओं के बावजूद पृथ्वी पर जीवन को सम्भव बनाते हैं.
प्रजातियों की विविधता से वैश्विक पारिस्थितिकी तंत्र का सन्तुलन बरक़रार रहता है. मानवता को अपनी गुज़र-बसर के लिए हर कुछ प्रकृति से मिलता है – भोजन, स्वच्छ जल, दवा और शरण समेत अन्य हर चीज़.
जैवविविधता, जलवायु परिवर्तन की चुनौती के विरुद्ध हमारा सबसे मज़बूत स्वाभाविक रक्षा उपाय है. भूमि व महासागर के पारिस्थितिकी तंत्र, कार्बन भंडारण का कार्य करते हैं और कुल कार्बन उत्सर्जन में से आधी सोख लेते हैं.
कैली शहर में ‘जैविक विविधता पर यूएन सन्धि के सम्बद्ध पक्षों की 16वीं बैठक’ (16th meeting of the Conference of Parties to the UN Convention on Biological Diversity) हो रही है, जिसे संक्षेप में CBD COP16 भी कहा जाता है.
कॉप16 सम्मेलन में जुटे प्रतिनिधि, तेज़ी से क्षरण का शिकार हो रही भूमि, सागरों को बहाल करने के उपायों पर चर्चा करेंगे. इस प्रक्रिया में आदिवासी लोगों व स्थानीय समुदायों के अधिकारों का सम्मान करने पर भी बल दिया जाएगा.
एक महत्वपूर्ण लक्ष्य, कुनमिंग-मॉन्ट्रियाल फ़्रेमवर्क के अन्तर्गत, ‘30 तक 30’ (30 by 30) के संकल्प को पूर्ण रूप से ज़मीन पर लागू करना होगा. यह वर्ष 2030 तक, 30 प्रतिशत भूमि व अन्तर्देशीय जल, समुद्री व तटीय इलाक़ों के संरक्षण पर केन्द्रित है.
कार्रवाई के लिए प्रेरणा
वर्ष 2022 में कुनमिंग-मॉन्ट्रियाल फ़्रेमवर्क के पारित होने के बाद यह पहली बार है जब जैवविविधता के अहम मुद्दे पर इस सम्मेलन का आयोजन हो रहा है.
आधिकारिक रूप से 21 अक्टूबर को कैली में शुरु हुआ यह सम्मेलन 1 नवम्बर तक चलेगा. यह इलाक़ा वनों की जादुई आवाज़ों, स्वच्छ जल धाराओं, हरे-भरे पर्वतों और देश के पश्चिमोत्तर में प्रशान्त महासागर से घिरा है.
कोलम्बिया के प्रशान्त महासागरीय क्षेत्र में पसरी सुन्दरता को पोस्टकार्ड पर छापा जा सकता है. यह देश, विश्व में जैवविविधता की दृष्टि से सर्वाधिक सम्पन्न देशों में है. यहाँ हर एक वर्ग किलोमीटर में 311 प्रकार के महाद्वीपीय और समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र हैं.
यह देश, पक्षियों की एक हज़ार से अधिक प्रजातियों, पौधों की हज़ारों प्रजातियों का घर है, और इसका 53 प्रतिशत क्षेत्र, वनों से आच्छादित है.
कॉप16 सम्मेलन की मेज़बानी के लिए कोलम्बिया को चुना जाना, वैश्विक जैवविविधता एजेंडा औऱ पारिस्थितिकी तंत्रों के संरक्षण में इस क्षेत्र की अहमियत को दर्शाता है.
जैवविविधता योजना
यूएन के शीर्षतम अधिकारी एंतोनियो गुटेरेश ने रविवार को सम्मेलन के उदघाटन समारोह को, रविवार शाम को एक वीडियो सन्देश के ज़रिए सम्बोधित किया.
उन्होंने 190 से अधिक देशों से जुटे प्रतिनिधियो से प्रकृति के साथ शान्ति स्थापित किए जाने, पर्यावास क्षरण व प्रजातियों को लुप्त होने से रोकने और पारिस्थितिकी तंत्रों की रक्षा किए जाने की पुकार लगाई.
महासचिव ने बताया कि मॉन्ट्रियाल-कुनमिंग वैश्विक फ़्रेमवर्क, वास्तविकता की ज़मीन पर आधारित है, ताकि मानवता को बचाया जा सके, प्रकृति फल-फूल सके.
इसमें पृथ्वी व पारिस्थितिकी तंत्रों के साथ अपने सम्बन्धों को नए सिरे से गढ़ने का वादा किया गया है
यूएन प्रमुख ने कहा कि वैश्विक जैवविविधता फ़्रेमवर्क के लिए ठोस निवेश सुनिश्चित किए जाने की ज़रूरत है और अपने लक्ष्यों को पूरा करने के इरादे से सार्वजनिक व निजी स्तर पर वित्तीय संसाधनों की लामबन्दी आवश्यक है.
यूएन महासचिव के अनुसार, क्षरण का शिकार हो रही पृथ्वी पर मानवता को बचाने के लिए हमारे पास एक योजना है, और कॉप के समापन पर यह देखना होगा कि प्रतिनिधियों ने अपने कार्य को किस तरह से पूरा किया है.
कोलम्बिया, वैश्विक जलवायु कार्रवाई का केन्द्र
कोलम्बिया की पर्यावरण मंत्री और कॉप16 सम्मेलन की अध्यक्ष सुज़ैना मोहम्मद ने कहा कि वैश्विक जलवायु कार्रवाई के विषय में, कोलम्बिया एक मुख्य केन्द्र के रूप में उभरा है.
ये देश मौजूदा दौर की विशालतम चुनौती से निपटने के लिए विशेषज्ञों और नेताओं को एक साथ ला रहा है: हमारे ग्रह की रक्षा और एक सतत भविष्य को सुनिश्चित करना.
उन्होंने ध्यान दिलाया कि यह समझना ज़रूरी है कि यदि हम जीवन के सभी रूपों की रक्षा करें, तो हम अपनी रक्षा भी कर सकेंगे. हम इससे प्रकृति के साथ शान्ति के सिद्धान्त को खड़ा कर सकेंगे, जिसका अर्थ है कि गाँवों में शान्ति की तलाश.